Ayodhya Ram Temple : अयोध्या पर फैसले से 30 साल पहले ही तैयार हो गया था राम मंदिर का डिजाइन
अब तक 1.25 लाख क्यूबिक फीट पत्थर को तराशने का काम हुआ है पूरा
नई दिल्ली। साल 1949 से उलझा हुआ राम जन्मभूमि का मामला आखिरकार सुलझ गया है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ के निर्णय से राम मंदिर का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में मंदिर के निर्माण कार्य की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के अनुसार मंदिर निर्माण का कार्य लगभग 4 साल में पूरा कर लिया जाएगा।
मंदिर निर्माण को लेकर एक कार्यशाला अयोध्या में पिछले दो दशक से लगातार काम कर रही है। इसमें पहली और दूसरी मंजिल में लगने वाले खंभे तराश लिए गए हैं। अब तक 1.25 लाख क्यूबिक फीट पत्थर को तराशा जा चुका है। दूसरे मंजिल के लिए 1.75 क्यूबिक फीट पत्थर की जरूरत होगी। मंदिर करीब 68 फीट की लंबाई का होगा। जबकि इसकी चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट होगी।
मंदिर के डिजाइन के तहत इसमें 5 प्रखंड होंगे। जिसमें आगे के हिस्से में अग्रभाग होगा। जिसमें विशाल गेट तैयार किया जाएगा। इसके बाद सिंहद्वार होगा। आगे बढ़ने पर नृत्यमंडम और गर्भगृह होंगे। मंदिर प्रांगढ़ में 8 फीट ऊंचा चबूतरा भी होगा। राम मंदिर का ये डिजाइन सन् 1989 में ही तैयार कर लिया गया था। इसमें मंदिर को लेकर सक्रिय संगठन शामिल थे।
मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े अहमदाबाद के चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक राम मंदिर के साथ चार और मंदिर भी बनेंगे। इनमें भरत, सीता, हनुमान और गणेशजी का मंदिर होगा। जो रामलला के पास बनाये जाएंगे। मंदिर दो मंजिले का होगा। इसमें पहला रामलला का मंदिर है और पहली मंजिल पर राम दरबार रहेगा। मंदिर नागर शैली में बनेगा, जिसके पिलर पर अलग-अलग भगवान की झांकियां तैयार की जाएंगी।