
रात को आता था 'तोंद वाला अंकल', फिर जो होता था.. सुनाते हुए रो पड़ी मासूम बच्चियां
नई दिल्ली। बिहार के मुज़फ्फरपुर में बालिका गृह में बच्चियों के साथ हुए शारीरिक शोषण के मामले में पीड़िताओं ने कोर्ट में आपबीती सुनाई। बालिका गृह के नाम पर धरती पर चल रहे नर्क में कुल 42 लड़कियों की मेडिकल जांच कराई गई। जिनमें से करीब 29 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि की जा चुकी है। इतना ही नहीं पीड़िताओं में 3 बच्चियों का अबॉर्शन भी कराया गया था जबकि 3 अन्य लड़कियां अभी प्रेगनेंट ही हैं। पूरे खौफनाक मामले में सबसे डरावनी बात तो ये थी कि दरिंदों द्वारा शिकार बनाई गई लड़कियों की उम्र 7 से 14 साल के बीच है।
एक अंग्रेज़ी वेबसाइट के मुताबिक बालिका गृह में हैवानों की टोली बच्चियों को कई-कई दिन तक खाना नहीं देती थी। बच्चियों के साथ अत्याचार की सभी सीमाएं लांघ दी गईं। इसके साथ ही उन्हें ड्रग्स दिया जाता था, और लगभग हर दिन बलात्कार की वारदातों को अंजाम दिया जाता था। कोर्ट में बच्चियों ने बताया कि सूरज ढलते ही उन्हें शिकारियों की बू आने लगती थी। एक बच्ची ने कोर्ट में अपना दर्द बताते हुए कहा कि उसके साथ इस कदर दरिंदगी की गई कि उसके निजी अंगों में घाव हो गए। एक अन्य लड़की ने बताया कि बालिका गृह में उसे बांस की डंडी से पीटा जाता था।
हैवानियत का शिकार हुई ज़्यादातर बच्चियों ने ब्रजेश ठाकुर को ही मुख्य आरोपी बताया है। बच्चियों ने बताया कि उनका रेप करने वालों में बालिका गृह के साथ-साथ बाहर के लोग भी शामिल थे। बच्चियों ने तोंद वाले अंकल और मूंछ वाले अंकल का नाम लेते हुए आपबीती सुनाई। कई बार तो बच्चियों को रात होते ही किसी दूसरी जगह पर ले जाया जाता था। बता दें कि इस पूरे काले दास्तां का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सेवा संकल्प और विकास समिति नाम से एनजीओ चलाता है। ब्रजेश का एनजीओ ही बिहार के इस नरक से भी बद्तर बालिका गृह को चलाती है। गौरतलब है कि इस पूरे मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, नेहा कुमारी, किरण कुमारी सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
Published on:
27 Jul 2018 02:42 pm
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