डॉक्टर सुधीर कुमार कर्ण ने डेड बॉडी दान करनेवाले परिवार का आभर जताते हुए कहा की मृत शरीर मिलने से मेडिकल कॉलेज के छात्रों को कई रिसर्च करने में मदद मिलेगी। मृतक महिला के पुत्र चंद्र भूषण पाठक का कहना है कि अपने मां के इच्छानुसार आज उनकी मौत के बाद मृत शरीर दरभंगा मेडिकल कॉलेज को सौंपा दिया है ताकि यहां पढ़ने वाले छात्रों को इससे काफी सीखने में मदद मिलेगी। जिसके बाद बनने वाले डॉक्टर आम लोगों की सेवा अच्छे तरीके से कर सकेंगे।
चंद्र भूषण पाठक ने आगे कहा कि इसका प्रचार प्रसार भी होना चाहिए ताकि आम लोग भी इस सन्देश से शरीर दान देने के लिए आगे आये, ताकि मेडिकल के छात्रों को इससे पढ़ाई में लाभ मिल सके। चंद्र भूषण ने आगे कहा कि समाज मे ये अभी स्वीकार नहीं है लेकिन धीरे-धीरे लोग इसे समझेंगे। उन्होनें कहा कि सिर्फ अंतिम सस्कार में अग्नि और उनके अवशेष चुनने का काम नहीं होगा, लेकिन हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार 13 दिनों का कर्म पूरा किया जाएगा।
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डॉक्टर सुधीर कुमार कर्ण ने बताया कि पढ़ाई लिखाई के काम के बाद में शरीर को अस्पताल में अपने स्तर पर डिस्पोज करा दिया जाता है। यह एक बहुत बेहतर काम है इसे और भी समाज के लोगों को करना चाहिए। दरभंगा अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर शंकर मिश्रा ने बताया कि परिवार ने आंख दान देने की सूचना दी थी, लेकिन दरभंगा में यह सम्भव नहीं दिखाई दे रहा था। इसलिए परिवार ने पूरे शरीर को दान कर दिया। यह भी पढ़ें