नई दिल्ली। भारत में बच्चे स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं ब्रिटेन के किशोर स्कूल जाने से बचने के लिए कोरोना महामारी का सहारा ले रहे हैं। लेटरल फ्लो टेस्ट में नकली कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए वह जूस और सिरके का प्रयोग कर रहे हैं। टिक-टॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नकली रिपोर्ट प्राप्त करने से जुड़े वीडियो बड़े पैमाने पर अपलोड किए जा रहे हैं।
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आइन्यूज यूके की रिपोर्ट के अनुसार टिक-टॉक पर हैशटैग फेककोविडटेस्ट के साथ वीडियो अपलोड हो रहे हैं। इन वीडियो को 65 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। बच्चे ज्यादातर एंटीजन परीक्षण के दौरान नींबू का रस, एप्पल सॉस, कोका कोला, सिरका, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग कर रिपोर्ट बनवा रहे हैं।
सोडा ड्रिंक, खट्टे पदार्थों का सहारा
ब्रिटेन के फैक्स-चेकिंग संगठन फुल फैक्ट के अनुसार सोड़ा ड्रिंक व खट्टे पदार्थों से रैपिड एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव रिजल्ट दिखा सकता है। टिक-टॉक प्रतिनिधि का कहना है कि प्लेटफॉर्म पर दुष्प्रचार वाले कंटेंट को हम हटा देते हैं। ब्रिटेन में कोरोना के चलते गत वर्ष मार्च में स्कूल बंद किए गए थे। संक्रमण घटा तो जून में करीब 35 फीसदी स्कूल खोले गए और दस लाख बच्चे स्कूल जाने लगे थे।
ज्ञान के लिए कक्षा सबसे अच्छी जगह
एसोसिशएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर्स के महासचिव जेओफ बर्टन का कहना है कि इस काम में विद्यार्थियों का छोटा समूह शामिल होगा। जो विद्यार्थी रासायनिक अभिक्रियाओं में रुचि रखते हैं, उनके लिए सुझाव है कि ज्ञान बढ़ाने के लिए रसायन विज्ञान की कक्षा सबसे अच्छी जगह है।
Published on:
03 Jul 2021 09:19 am