जब नेहा कक्कड़ की शादी के लिए ‘बुआ’ ने ढूंढा था लड़का, पेशे से करता है वकालत
बजट के लिए बने हैं ये खास नियम दरअसल, बजट की छपाई बेहद गोपनीय प्रक्रिया है। इसमें लगे लोगों को घर तक जाने की इजाजत नहीं होती है। सारे लोग एक तरह से दुनिया से कट जाते हैं और सिर्फ बजट की छपाई का काम करते हैं। ये सब सिर्फ इसलिए किया जाता है ताकि बजट में क्या होने वाला है, ये लीक ना हो। यहां इन लोगों को हर तरह की जरूरी चीजें मुहया कराई जाती है, लेकिन किसी भी हालत में इन्हें घर नहीं जाने दिया जाता, किसी से मिलने नहीं दिया जाता, मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते जैसे कई नियमों का पालन करना होता है। जो लोग भी बजट के काम से जुड़े होते हैं उन्हें इस दौरान घर जाने की इजाजत नहीं होती। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बजट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां लीक न होने पाए। लगभग 10 दिनों तक बजट की छपाई का काम चलता है और इस दौरान ये सभी लोग यहीं रहते हैं। ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के अनुसार, बजट डॉक्यूमेंट संसद में पेश होने के पहले तक एक तरह का खुफिया दस्तावेज होता है। अगर बजट से जुड़ी कोई जानकारी लीक होती है, तो फिर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो सकती है। इसलिए बजट को लोगों से छुपा कर रखा जाता है।पहले होती थी यहां छपाई
साल 1950 तक बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रेस में ही होती थी, लेकिन वहां से बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था। इसके बाद यहां से इसे मिंटो रोड स्थित सरकारी प्रेस में इसकी छपाई होने लगी है। 1980 से बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक स्थित प्रेस में यह छपने लगा। यहां बिना इजाजत किसी को भी आने की इजाजत या जाने की इजाजत नहीं होती। कड़ी सुरक्षा के बीच बजट की छपाई का काम दिन-रात चलता है और बजट वाले दिन ही बजट की कॉपियों को संसद भवन लाया जाता है।
हाल ही में हो गई थी पिता की मौत
वही बजट की छपाई का काम काफी पहले से चलता है। इसी छपाई की ड्यूटी पर थे डिप्टी मैनेजर कुलदीप शर्मा ( Kuldeep Sharma )। लेकिन 26 जनवरी को जब वो बटट ड्यूटी पर थे, तो उनके पिता की मौत हो गई। बावजूद इसके वो घर नहीं गए और बजट की छपाई के काम में लगे रहे। ये बात कर्तव्य परायणता और निष्ठा की अलग मिसाल कायम करती है। ये जानकारी वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके दी। अपने ट्वीट में लिखा ‘कुलदीप शर्मा के पिता का 26 जनवरी 2020 को अचानक निधन हो गया। कुलदीप बजट ड्यूटी पर थे, ऐसे में उन्हें जब पिता के देहांत की खबर मिली तो उन्होंने अपने कर्तव्य को आगे रखा और प्रेस एरिया नहीं छोड़ने का फैसला किया।’