बजट 2021-22 : महामारी कोरोना से प्रभावित पर्यटन और होटल क्षेत्र को राहत की उम्मीद
पर्यटन और होटल क्षेत्र ने आम बजट से उम्मीद जताते हुए कई सिफारिशें की हैं।
ताकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उबरा जा सके।

नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में मचा आर्थिक संकट उभरने में अभी काफी समय लगेगा। इस बीमारी की वजह से खासकर पर्यटन और होटल क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ है। अब होटल और पर्यटन क्षेत्र ने आगामी आम बजट से उम्मीद जताते हुए सरकार से कई सिफारिशें की हैं। कोरोना वायरस की महामारी के दौरान लगभग पूरी तरह से तबाह होने के बाद इन उद्योग को समर्थन दिये जाने की आवश्यकता है। भारतीय पर्यटन और आतिथ्य के संघों के महासंघ ’एफएआईटीएच’ ने एक बयान में कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच पर्यटन को लेकर साझा दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों की एक राष्ट्रीय पर्यटन परिषद का गठन किया जाएए जिसमें पर्यटन मंत्री भी शामिल हों।
कई तरह की कर राहत की सिफारिश की
एफएआईटीएच ने बयान में कहा गया कि महासंघ ने देश भर में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए कहा है। महासंघ के कार्यवाहक सीईओ आशीष गुप्ता ने कहा, एफएआईटीएच के सदस्य सामूहिक रूप से सरकार के विभिन्न सदस्यों के संपर्क में हैं और उन्हें आम बजट में उचित राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एफएआईटीएच ने पर्यटन क्षेत्र के लिए कई तरह की कर राहत की सिफारिश भी की है, जिसमें निर्यात आय को कर मुक्त बनाने और और भारत में यात्रा करने पर आयकर छूट दिए जाने की बात शामिल है। एफएआईईटी के भेजा गया प्रस्ताव कहा गया है कि राष्ट्रीय पर्यटन परिषद की अध्यक्षता पीएम द्वारा की जानी चाहिए। इसकी अध्यक्षता पर्यटन मंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सरकार के कैबिनेट मंत्रियों से की जाएगी। भारत और जीएसटी परिषद की तर्ज पर एक विधायी निकाय होना चाहिए।
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आठ महीनों से बुरी तरह प्रभावित
भारतीय होटल और रेस्टोरेंट संघ के महासंघ ’एफएचआरएआई’ के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा, पिछले आठ महीनों में आतिथ्य उद्योग महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और आगामी केंद्रीय बजट यह निर्धारित करेगा कि हम यहां से किस रास्ते से जाएंगे। उद्योग को सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि उद्योग को अब तक बहुत मदद नहीं मिली है, इसलिए एफएचआरएआई को उम्मीद है कि आगामी बजट में आतिथ्य उद्योग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
854 अरब डॉलर का खुदरा उद्योग प्रभावित
खुदरा विक्रेताओं के निकाय आरएआई ने सरकार से राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाने एवं उसे लागू करने तथा खुदरा विक्रेताओं को विभिन्न लाभ प्राप्त करने के लिए उसे एमएसएमई के तहत पंजीकरण करने देने की मांग की। भारतीय फुटकर विक्रेता संघ आरएआई ने एक बयान में कहा कि लगभग 854 अरब डॉलर का भारतीय खुदरा उद्योग क्षेत्र महामारी के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुआ जिसका भरपूर असर इसके नीचे तक की पूरी मूल्य श्रृंखला पर सभी अंशधारकों को दिखा। इसमें सुधार के लिए गैर.परंपरागत समाधान और सरकारी समर्थन की आवश्यकता होगी।
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