इलाज होगा मुश्किल
साइंस जर्नल नेचर ने वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कोरोना महामारी से जुड़ी 5 ऐसे रहस्यों का जिक्र किया गया है, जिन पर अब तक पर्दा नहीं उठा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक इन पांच सवालों का जवाब नहीं मिलता तब तक इस वायरस का इलाज खोजना मुश्किल है।
01. अलग-अलग प्रतिक्रिया क्यों?
विश्व स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों और बुजुर्गों पर इस वायरस का खतरा सबसे ज्यादा खतरा होता है। खासकर जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन, ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब अभी तक नहीं मिला। वैज्ञानिक भी अब तक नहीं समझ पाए हैं कि वायरस शरीर में अलग-अलग प्रतिक्रिया क्यों कर रहा है।
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02. इम्यूनिटी का प्रभाव कब तक?
एक दूसरा सवाल भी अनसुलझा हुआ है कि इम्यूनिटी का प्रभाव वायरस पर कब तक रहेगा? इसके अलावा वैज्ञानिक और इम्यूनोलॉजिस्ट अभी भी इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि कोरोना वायरस बीमारी की इम्यूनिटी दिखती कैसी है और यह कितनी टिकाऊ होती है।
03. वायरस कम-ज्यादा घातक क्यों?
वायरस का अलग रूप भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना हुआ है। जहां दुनिया के कई देशों में वायरस बेहद खतरनाक हो चुका है। वहीं, कुछ देशों में इसका प्रभाव बेहद ही कम है। ऐसा क्यों? यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
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04. वैक्सीन कब और कैसे मिलेगी?
वैज्ञानिकों ने माना है कि कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत आम लोगों को नहीं पड़ेगी, क्योंकि आधे से ज्यादा लोग इससे अपने आप ठीक हो जाएंगे। हां, टीका उन लोगों के लिए कारगर हो सकता है, जो सबसे ज्यादा खतरे की स्थिति में है। जैसे कि बच्चे और बुजुर्ग और उनमें भी खासकर उन लोगों के लिए जो पहले ही किसी गंभीर रोगों से पीड़ित हैं। लेकिन, वैक्सीन कब और कैसे मिलेगी और इसका कितना असर होगा, अभी तक पता नहीं चल सका है।
05. कैसे बना वायरस?
दुनिया के तमाम वैज्ञानिक कोरोना वायरस की रिसर्च में लगे हैं, लेकिन अभी तक सवाल बना हुआ है कि आखिर कोरोना वायरस बना कैसे? कहां से आया कोरोना वायरस? इसी बीच चमगादड़ से लेकर पैंगोलिन तक, चीन में पैदा हुए वायरस की उत्पत्ति के सिद्धांत को लेकर अटकलों की भरमार है। लेकिन, कई दावें ऐसे भी हैं जो इशारा करते हैं कि इस वायरस के कुछ नस्ल वुहान से भी पहले के हैं, जो यूरोप के कई देशों में पाई गई है।