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कोरोना में बोलने और सूंघने की क्षमता ही नहीं जा सकती है यादाश्त भी, नए लक्षण आए सामने

मिशिगन में एक मामला सामने आया था जहां 50 साल की कोरोना संक्रमित मरीज ने सिर दर्द की शिकायत की थी ब्रेन स्कैनिंग में पता चला कि संक्रमण की वजह से दिमाग की कई कोशिकाएं नष्ट हो गई हैं

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस जैसे-जैसे लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। वैसे ही मरीजों में इसके लक्षण भी बदले हुए दिख रहे हैं। पहले रिसर्च में पता चला कि कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते बोलने और सूंघने की क्षमता कम हो जाती है। वहीं एक अन्य शोध में पता चला है कि इससे याददाश्त भी जा सकती है। क्योंकि ये दिमाग के कई हिस्सों को प्रभावित करता है। इस बात की पुष्टि पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी समेत दुनियाभर के न्यूरोलॉजिस्ट कर रहे हैं।

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डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस मरीजों के गले और फेफड़े को पहले प्रभावित कर रहा था। अब ये दिमाग को भी जकड़ रहा है। कोरोना से पीड़ित कई मरीजों में इसका असर देखने को मिला है। एक्सपर्ट्स ने इसे ब्रेन डिसफंक्शन का नाम दिया है। इसके तहत दिमाग में सूजन आ जाती है, सिर में दर्द होता है और धीरे—धीरे मेमोरी भी लॉस होने लगती है।

कोरोना किस तरह मरीजों के दिमाग को प्रभावित कर रहा है इसका उदाहरण मिशिगन के डेट्रायट में सामने आए मामले में देखने को मिल सकता है। यहां करीब 50 साल की एक महिला एयरलाइंस कर्मी को कोरोना संक्रमण हुआ। उसने सिर दर्द की शिकायत की बात कही थी। जब उसकी ब्रेन स्कैनिंग की गई तो पता चला कि दिमाग के कई हिस्सों अलग तरह की सूजन है। दिमाग के एक हिस्से की कुछ कोशिकाएं डैमेज हो गई हैं। डॉक्टरों ने इसे दिमाग की बेहद गंभीर स्थिति बताया और इसे'एक्यूट नेक्रोटाइजिंग एनसेफेलोपैथी' नाम दिया। इसी तरह एक हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एजिसा फोरे के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के बाद कुछ दिनों मे तेजी दिमाग में सूजन आती है और लगातार बनी रहती है।