scriptव्हेल मछली के मुंह के अंदर गलती से चला गया था गोताखोर, इससे पहले कि वह चबा डालती तुरंत किया… | Diver Rainer Schimpf found himself in the mouth of Whale | Patrika News

व्हेल मछली के मुंह के अंदर गलती से चला गया था गोताखोर, इससे पहले कि वह चबा डालती तुरंत किया…

locationनई दिल्लीPublished: Mar 11, 2019 01:06:06 pm

Submitted by:

Arijita Sen

दिन साफ था, लेकिन अचानक रेनर को सबकुछ अंधेरा लगने लगा
उसने हिम्मत नहीं हारी
वाकई में यह एक जानलेवा हादसा हो सकता था

Rainer Schimpf in the mouth of whale

व्हेल मछली के मुंह के अंदर गलती से चला गया था गोताखोर, इससे पहले कि वह चबाती तुरंत किया…

नई दिल्ली। जो इंसान साहसिक कामों को अंजाम देते हैं उन्हें अपनी जिंदगी में थोड़ा-बहुत जोखिम उठाना पड़ता है। हालांकि जब हम किसी मुसीबत में फंस जाते हैं तो उस वक्त धैर्य नहीं खोना चाहिए और मन को शांत रखना चाहिए तभी हम उस आपदा से बच सकते हैं। कुछ ऐसा ही किया रेनर शिम्फ ने जो एक गोताखोर हैं।

51 साल के इस डाइवर ने एक ऐसे साहसिक काम को अंजाम दिया जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं। अभी कुछ वक्त पहले दक्षिण अफ्रीका के पोर्ट एलिजाबेथ के समंदर में रेनर शिम्फ व्हेल के मुंह में चले गए थे। इससे पहले की व्हेल उन्हें चबाती वह उसके मुंह से बाहर आ गए। आइए इस भयंकर हादसे की पूरी जानकारी हम आपको देते हैं।

Rainer Schimpf in the mouth of whale

रेनर शिम्फ पिछले 15 साल से डाइव टूर ऑपरेट कर रहे हैं। इस बीच वह अपनी टीम के साथ मिलकर समुद्र में एक नेचुरल इवेंट कर रहे थे। सभी पानी में तैर रहे थे। चारों ओर डॉल्फिंस, पेंगुइंस, सील और कई छोटी—मोटी मछलियों का झुंड था। रेनर उस दौरान बैट बॉल (छोटी मछलियों के झुंड) से गुजरने वाली एक शार्क के परफेक्ट शॉट लेने की कोशिश कर रहे थे। दिन साफ था, सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अगले ही पल रेनर को लगा कि जैसे अंधेरा हो गया है। रेनर एक दबाव भी महसूस करने लगे। थोड़ी देर बाद रेनर को महसूस हुआ कि किसी व्हेल मछली ने उन्हें जकड़ लिया है।

उस दौरान रेनर तट से 45 किलोमीटर की दूरी पर थे। जैसा कि हम जानते हैं कि व्हेल एक स्तनपायी है और सांस लेने के लिए पानी के ऊपर आती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा, लेकिन घटनाक्रम के चलते रेनर उसके मुंह में चला गया। रेनर ब्राइड्स प्रजाति की व्हेल के मुंह में फंसे हुए थे। इसका वजन 30 टन और लंबाई 55 फीट थी। हालांकि व्हेल इंसानों का शिकार नहीं करती है, लेकिन रेनर को डर था कि कहीं अनजाने में वह विशालकाय जीव उसे चबा न ले। रेनर उस वक्त डरे नहीं, उन्होंने बड़े ही धैर्य के साथ काम लिया।

रेनर ने व्हेल के मुंह में अपने सांस को रोककर रखा था। कुछ देर बाद व्हेल ने मुंह खोला और रेनर बाहर आ गये। रेनर का कहना है कि कोई भी इस तरह की घटना के लिए तैयार नहीं रहता है। उस दौरान उन्होंने खुद पर से नियंत्रण नहीं खोया और दिमाग से सोचना जारी रखा और यही वजह है कि वह खुद को सुरक्षित बाहर ला पाए।

रेनर के साथी फोटोग्राफर हेंज टॉपरजेर का इस वाक्ये के बारे में कहना है कि रेनर जैसे ही बैट बॉल की ओर बढ़े तो अचानक से वहां काफी पानी आया। उस वक्त मुझे यकीन हो गया कि कुछ होने वाला है। लिहाजा मैंने अपना कैमरा वहीं बनाए रखा। अचानक डॉल्फिंस पानी से बाहर आईं और एक फव्वारा सा छूटा, देखा तो व्हेल के मुंह में रेनर थे। यह घटना हमारे कैमरे में कैद हो गई।

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