
Street Dog
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की वजह से दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन किया गया है। इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है उन लोगों को हो रही है जो दिहाड़ी मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने परिवार का पेट पालते है।
हर रोज खबरों में किसी न किसी आदमी की बेबसी की कहानी पढ़कर दिल मायूस हो जाता है। कुछ ऐसा ही हाल बेजुबान जानवरों ( Animals ) का भी हो गया है। लॉकडाउन ( Lockdown ) में सड़कों, गलियों में लोगों की आवाजाही कम हो जाने की वजह से कुत्तों के सामने खाने की समस्या खड़ी हो गई है।
इस बीच कई लोग इनकी मदद भी कर रहे हैं। चेन्नई ( Chennai ) की एक महिला पुलिसकर्मी सुभालक्ष्मी रोज रात को 11 बजे के करीब कुत्तो को बिस्कुट खिलाकर उनका पेट भरती हैं। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस सुभालक्ष्मी ने बताया कि उन्हें इस नेक काम के लिए अपनी बेटी से प्रेरणा मिली।
दरअसल, जब साल 2015 में बाढ़ आई थी तो उनकी बेटी की कई कुत्तों की जान बचाई थी। उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इन कुत्तों को खाना भी खिलाया था। पुलिस स्टेशन्स के बाहर कुत्तों के लिए पानी भरकर रखवाया, और कई पुलिस स्टेशन्स के बाहर उनको खाना भी डाला जाने लगा।
सुभालक्ष्मी ये नेक काम हर रोज अपनी ड्यूटी ( Duty ) से घर जाते वक्त करती हैं। वो 24 मार्च से इन कुत्तों को बिस्कुट खिला रही हैं, ताकि ये भूखे ने रहे। सुभालक्ष्मी कहती हैं, ‘मैं घर जाने से पहले इनको खाना खिलाती हूं। मैं कोशिश करती हूं कि कोई भी कुत्ता भूखा ना रहे।
सड़क पर जो भी कुत्ता सुभालक्ष्मी को बीमार दिखता है, वो उसकी फोटो ( Photo ) क्लिक कर अपनी बेटी को भेज देती है। वो डॉक्टर्स की मदद से उनका ट्रीटमेंट करवाती है। वो सिर्फ कुत्तों को खाना देकर ही खुश नहीं होती बल्कि उसे कुत्तों से अलग ही किस्म का लगाव है जो इंसान और जानवर के तालमेल की कहानी बयां करता है।
Published on:
21 May 2020 09:48 am
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