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देश के इन राज्यों की होली है सबसे खास, जानें वजह

Published: Mar 09, 2020 12:59:51 pm

Submitted by:

Piyush Jayjan

यूं तो पूरे भारत ( India ) में होली ( Holi ) की जबरदस्त धूम रहती है लेकिन देश के कई राज्यों में इस त्योहार को अलग ही जोश-ओ-ख़रोश के साथ मनाया जाता है।

नई दिल्ली। होली के त्योहार को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। होली के दिन लोगों में गज़ब का उमंग और उत्साह देखने को मिलता है। होली का पर्व अपने रंगों से हर किसी की जिंदगी को खुशियों से सरोबार कर देता है। इसलिए देश के अलग-अलग हिस्सों में इस त्योहार को बड़े ही धूम-धड़ाके के साथ मनाया जाता है।

देश के इन राज्यों की होली है सबसे अलग

उत्तर प्रदेश की होली

ब्रज क्षेत्र, मथुरा और वृंदावन की होली वाकई अलग अंदाज में मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह पर्व भगवान कृष्ण और राधा के बीच प्रेम को दर्शाता है। यूूपी में इस दिन खेल, मिठाइयों के आदान-प्रदान और मौज-मस्ती के साथ कई अनुष्ठान किए जाते हैं। बरसाना उत्सव को एक अनोखी रस्म के साथ मनाया जाता है जिसमें महिलाएं पुरुषों पर लाठी बरसाती हैं। लोग रंगों से एक-दूसरे को खूब रंगते हैं।

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राजस्थान में होली
वसंत के मौसम का स्वागत करते हुए पूरा राजस्थान होली के जश्न में डूबा रहता है। रंगों को इस त्योहार में पूरे राज्य का अलग रंग देखने को मिलता है। माली और गेर की होली अजमेर, बृज होली से भरतपुर के लिए बिलकुल अलग होती है। जबकि बीकानेर डोलची होली खेलकर अलग तरह से इस पर्व के मजे को दोगुना कर देता है।

गुजरात में होली
गुजरात में होली पर यहां की सबसे प्रसिद्ध परंपरा छाछ से भरे मिट्टी के बर्तन का टूटना है। इसलिए यहां छाछ का बर्तन रस्सी पर ऊँचा बाँधा जाता है और ऊंचाइयों पर जाने के लिए, लोग एक मानव पिरामिड बनाते हैं। कुछ लोग उन पर रंगीन पानी फेंकते हैं। इस प्रतियोगिता में पुरस्कार जीतने के लिए कई टोलियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। इस दौरान लोग एक-दूसरे पर खूब रंग बरसाते है। गुजरात में होली के दिन अलग ही तरह का उत्साह देखने को मिलता है।

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ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होली
होली की तरह ही पश्चिम बंगाल और ओडिशा में डोल जात्रा समारोह भगवान कृष्ण को समर्पित है। हालांकि, पौराणिक कथा बिलकुल अलग है। यह त्योहार राधा के प्रति प्रेम व्यक्त करता है। इस पर्व पर पालकी पर जुलूस में राधा और कृष्ण की मूर्तियों को चारों ओर से ले जाया जाता है। भक्त उन्हें झूला झुलाते हुए ले जाते हैं।

 

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