
Gaganyaan Mission: Astronaut
नई दिल्ली। चंद्रयान-2 ( chandrayaan-2 ) मिशन के बाद इसरो ( ISRO ) गगनयान ( Gaganyaan ) मिशन की तैयारी में जुटा हुआ हैं। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इस मिशन के जरिए पहली बार इंसान को अंतरिक्ष में भेजेगी। इस मिशन में पहली बार ISRO तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में सात दिन की यात्रा पर भेजेगा।
गगनयान ( Gaganyann ) के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के सेलेक्शन पूरा कर लिया गया है। देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के अंतरिक्ष यात्रियों के खाने के लिए देशी खाने का इंतेजाम किया है। डीआरडीओ की मैसूर स्थित डिफेंस फूड रिसर्च लैब ने मिशन में जाने वाले यात्रियों के लिए 22 किस्म के व्यंजन ( Foods ) तैयार किए हैं।
इस मेन्यू ( Menu ) में शाकाहारी से लेकर मांसाहारी तक भोजन का बंदोबस्त किया गया है। जिसमेें दाल फ्राई, वेज पुलाव, आलू पराठा, दलिया, वेज कट्ठी रोल, एग रोल, चिकन रोल, चिकन कोरमा और पालक पनीर, आलू मटर, उपमा, इडली, पोंगल को मुख्य रूप से शामिल किया गया है।
इसके साथ ही मेन्यू में लोगों की पसंदीदा चीजें जैसे मूंगफली-गुड़ की चिक्की, सूजी और हलवा, आम पापड़, बिस्किट के अलावा काजू, बादाम, अखरोट भी अंतरिक्षयात्रियों के लिए खाने के लिए उपलब्ध होगा। वहीं पेय पदार्थ के रूप में चाय, कॉफी और फ्रूट जूस पाउडर दिए जाएंगे।
डीएफआरएल ने तैयार किए गए व्यंजनाें के नमूने इसराे काे भेजे हैं। इसराे के वैज्ञानिक इन्हें चेक कर अपना फीडबैक मुहैया कराएंगे। जिससे इनमें जरूरत के अनुसार बदलाव किया जा सकें। दरअसल पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में यात्रियों का चलना-फिरना कम होता है।
गुरुत्वाकर्षण की कमी के चलते अक्सर वह तैरते ही रहेंगे। इसलिए उन्हें कैलोरी की भी ज्यादा जरूरत नहीं होगी। इस खाने को गर्म करने के लिए यात्रियों को एक खास उपकरण दिया जाएगा। जिससे लगभग 92 वॉट बिजली से खाना गर्म किया जा सकता है।
एक बार पैकेट खुलने के बाद इस खाने को 24 घंटे के अंदर खाना होगा। इस खाने को आधा खाकर नहीं छाेड़ा जा सकता क्योंकि पैकेट खोलने पर यह सामान्य खाने की तरह बन जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियाें के लिए खाना जीरो-ग्रैविटी को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।
हालांकि इनमें से कुछ चीजें पैकेट खोलकर सीधे खाई जा सकेंगी। रोल और हाई एनर्जी बार लेकिन बाकी चीजें ऐसी होंगी कि उन्हें गर्म पानी में मिलाकर बनाना पड़ेगा जैसे- दाल, पुलाव, मटर पनीर, सूजी हलवा आदि, क्योंकि पैकेजिंग करते समय उसका पानी सोख लिया जाएगा।
Published on:
06 Jan 2020 11:04 am
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