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Indian Royal Families: जानिए आज भी कैसे बरकरार है इनका रुतबा

Indian Royal Families: भारत के ऐसे शाही परिवार जिन्होंने कभी अपना रुतबा खोया ही नहीं और आज भी उसी रुतबे के साथ अपना खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

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Indian Royal Families

Indian Royal Families

नई दिल्ली। Indian Royal Families: आज अगर बात करें भारत के इतिहास की तो आप शायद जानते ही होंगे कि भारत एक एसा देश है जहां महलों की और शाही परिवारों की कोई कमी नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज भी हमारे देश में कुछ ऐसे परिवार है, जिन्होंने उस शाही रुतबे को बरकरार रखा है। जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि भले ही हमारे देश में राजशाही व्यवस्था 1971 में समाप्त कर दी गई हो लेकिन आज भी हमारे देश में कुछ एसे परिवार है। जो इस समय में भी वही पुरानी शान ए शौकत के साथ रह रहे हैं।

मेवाड़ वंश (The Mewar Dynasty)

इस शाही परिवार को कौन नहीं जानता। इस परिवार का भारत के इतिहास में बहुत बड़ा योगदान है। वीर कुंवर महाराणा प्रताप जैसे साहसी राजा भी इसी परिवार से थे। बात इस समय की करें तो वर्तमान में इसके प्रमुख राणा श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ हैं। वे मेवाड़ की सभा के 76वें संरक्षक हैं। अरविंद सिंह एक बहुत ही सफल व्यवसायी हैं। वह HRH ग्रुप ऑफ होटल्स के प्रमुख हैं, जिसके अंतर्गत 10 से अधिक होटल हैं।

वाडियार वंश (The Wadiyar Dynasty)

पहले के समय में यह वाडियार राजवंश था जिसने मैसूर राज्य पर शासन किया था। कहने को तो वे अपने इतिहास का पता भगवान कृष्ण के यदुवंशी वंश से लगाते हैं। वर्तमान में राजवंश के मुखिया 27 वर्षीय यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार हैं। हालांकि, वह प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी नहीं थे। उनके चाचा, श्रीकांतदत्त वाडियार की 2013 में निःसंतान मृत्यु हो गई और उन्होंने उत्तराधिकारी का नाम नहीं लिया। और इसलिए, उनकी पत्नी, राजमाता ने यदुवीर को अपने पुत्र के रूप में अपनाया और उन्हें राजा बना दिया। उन्होंने 2016 में डूंगरपुर की राजकुमारी त्रिशिका कुमारी सिंह से शादी की। अब वह दो साल के बेटे के माता-पिता हैं। बताया जा रहा है कि परिवार के पास लगभग 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

जोधपुर का शाही परिवार (The Royal Family of Jodhpur)

जोधपुर के मेहरानगढ़ किले के साथ-साथ उम्मेद भवन पैलेस को तो आप जानते ही होंगे। यह दुनिया के सबसे बड़े किलों और सबसे बड़े निजी आवासों में से एक हैं। वर्तमान में, महाराजा गज सिंह अपनी पत्नी, दो बच्चों और अपने जीवनसाथी के साथ उम्मेद भवन पैलेस में रहते हैं। पैलेस का एक हिस्सा पर्यटकों के लिए खुला है और बाकी का प्रबंधन ताज ग्रुप ऑफ होटल्स द्वारा किया जाता है, जो परिवार के साथ साझेदारी में जगह चलाते हैं। महाराजा गज सिंह ने न केवल राज्यसभा के सदस्य के रूप में एक कार्यकाल पूरा किया, बल्कि उन्होंने कुछ साल पहले त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य किया।

बड़ौदा के गायकवाड़ (The Gaekwads of Baroda)

गायकवाड़ मूल रूप से पुणे से आए थे। वर्तमान में गायकवाड़ राजघराने के मुखिया समरजीत सिंह गायकवाड़ हैं। मराठाओं के ये वंशज 18वीं शताब्दी में बड़ौदा में आकर बस गए। कहा जाता है कि वर्तमान शासक को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति विरासत में मिली थी, जिसमें 187 कमरों वाला लक्ष्मी विलास पैलेस भी शामिल है। बड़ौदा के गायकवाड़ के बारे में एक कम ज्ञात तथ्य यह है कि वे जयपुर की प्रसिद्ध महारानी गायत्री देवी का मायका बताया जाता है।