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नई दिल्ली। इस बात से तो हम सभी बहुत अच्छे से वाकिफ है कि पूरी दुनिया से कोरोना की वजह से सहमी हुई है। अब तो आलम ये है कि अपने पक्ष में फैसला नहीं आने पर एक वकील ने कलकत्ता उच्च न्यायलय ( Kolkata Highcourt ) के एक जज से कहा कि "जा तुझे कोरोना वायरस ( coronavirus ) लग जाए।
हालांकि कोर्ट के जज ने वकील के इस आचरण से नाराज होकर उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की अनुशंसा की है। कोर्ट ने वकील विजय अधिकारी की निंदा करने के साथ-साथ उन्हें नोटिस भेजे जाने की तारीख के 15 दिनों के अंदर अवमानना नियम के तहत जवाब देने को कहा है।
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इसी के साथ जज दत्ता ने यह निर्देश भी दिया कि गर्मियों की छुट्टियों के बाद जब अदालत खुलेगी तो इस मामले की सुनवाई उचित खंडपीठ की जाएगी। कोरोना महामारी के कारण कलकत्ता उच्च न्यायालय में 15 मार्च से जरूरी मामलों की सुनवाई सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है।
अधिकारी ने कर्ज अदायगी न करने पर एक बैंक द्वारा उसके मुवक्किल की बस नीलामी पर रोक लगाने की याचिका कोर्ट में दी थी। इस बस के 15 जनवरी को जब्त किए जाने की जानकारी के बाद कोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई से साफ इनकार कर दिया।
इस मामले में जब जज ने अपना आदेश देना शुरू किया तो अधिकारी बार-बार उन्हें टोकते रहे। जज ने अपने आदेश में कहा, अधिकारी को बार-बार संयमित आचरण के लिए चेतावनी दी गई लेकिन वो नहीं माने, उन्हें कहते सुना गया कि 'मेरा भविष्य वह अंधकारमय बना देंगे और इसलिए उन्होंने मुझे श्राप दिया कि मुझे कोरोना वायरस संक्रमण लग जाए।
कोर्ट में मौजूद वकील के इस आचरण को देख जज ने कहा अधिकारी को स्पष्ट रूप से बता दिया गया कि न तो मुझे अपने भविष्य का डर है न ही मैं संक्रमण से डरता हूं लेकिन मेरे लिए कोर्ट की गरिमा सर्वोच्च है और इसे बरकरार रखने के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का निर्देश दिया जा सकता है।
Published on:
08 Apr 2020 08:38 am
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