गुड़िया के साथ ले रहे थे सेल्फी तभी कैमरे में कैद हो गया भयानक नजारा
आपको बता दें कि पेरियार का जन्म 17 सितंबर 1879 में एक मद्रासी परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम ईवी रामास्वामी नायकर था और वो महात्मा गांधी से भी प्रभावित थे। उन्होंने साल 1919 में कांग्रेस ( Congress ) पार्टी को जॉइन कर लिया था लेकिन 1925 में उन्होंने इस्तीफा भी दिया। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि पार्टी सिर्फ ऊंची जाति वाले लोगों का हित चाहती थी, इस वजह से वो काफी नाराज़ थे।
आपको बता दें कि पेरियार ने समाज में फैली हुई कुरीतियों को मिटाने के लिए खूब जतन किए थे और इस वजह से जहां कुछ लोग उनकी पूजा करते थे वहीं कुछ लोग उनसे नफरत भी करते थे। उनसे नफरत करने वालों में एक बड़ा तबका शामिल था।
दलितों के आदर्श थे पेरियार
पेरियार ने देखा कि समाज में जाति-धर्म के नाम पर काफी अंधविश्वास फैला हुआ था और इस वजह से लोग दलितों से भेदभाव करते थे और उनके साथ अमानवीय ( inhuman ) व्यवहार करते थे, लेकिन पेरियार ने समाज में बदलाव लाने के लिए काफी जतन किया और इसी वजह से दलित उन्हें आदर्श मानते हैं। जिन लोगों को दलितों के आगे बढ़ने से दिक्कत थी वो परियार से नफरत करते थे।
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पेरियार ने ‘सच्ची रामायण’ नाम से एक किताब लिखी थी जिसपर काफी विवाद हुआ था। इस किताब में उन्होंने रामायण के कई चरित्रों को खलनायक ( Villian ) की तरह दर्शाया था। पेरियार की इस किताब को लेकर लोग उन्हें दुश्मन समझने लगे थे। इतना ही नहीं बल्कि पेरियार ने जाति प्रथा के विरोध में Tamilnadu को अलग देश बनाने का विचार भी पेश किया था।