
मजदूर दिवस: इस शख्स ने दिया था दुनिया के मजदूरों को एक मंच पर इकट्ठे होने का नारा
नई दिल्ली: 1 मई के दिन को पूरा विश्व मजदूर दिवस ( labour day ) के रूप में मनाता है। आज ही के दिन मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को 8 घंटों में बदल दिया गया था। इस मौके पर देश की कई कंपनियों में छुट्टी होती है। मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी। इसके लिए संगठनों ने हड़ताल की। यही नहीं इस हड़ताल के दौरान शिकागो ( Chicago ) की हेमर्केट में बम ब्लास्ट तक हुआ। इससे निपटने के लिए मजदूरों पर पुलिस ने गोलियां बरसाई, जिसमें कई लोगों की मौत तो कई लोग घायल हो गए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर वो शख्स कौन था, जिसने दुनिया के मजदूरों को एक मंच पर इकट्ठे होने का नारा दिया था। आइए जानते हैं इस शख्स के बारे में।
आपने फिलॉस्पर कार्ल मार्क्स ( Karl Marx ) के बारे में तो सुना ही होगा। ये ही वो शख्स हैं जिन्होंने दुनिया के मजदूरों को एक मंच पर इकट्ठे होने का नारा दिया। उन्होंने कहा दुनिया के मजदूरों के पास अपनी जंजीर के अलावा खोने के लिए कुछ भी नहीं है, दुनिया के मजदूर एक हो। कार्ल मार्क्स ताउम्र मजदूर और कामकाज करने वाले लोगों के लिए अपनी आवाज को बुलंद करते रहे। हैरान करने वाली बात ये है कि उन्होंने कभी कोई श्रम आधारित नौकरी नहीं की, लेकिन मजदूरों के लिए अपनी आवाज को कभी कम नहीं होने दिया। उनके क्रांतिकारी और कट्टर लेखों के कारण ही उन्हें जर्मनी, बेल्जियम और फ्रांस से भगा दिया गया था।
कार्ल मार्क्स ने फ्रेडरिक एंजेल्स के साथ मिलकर 'द कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो' छापा। उनकी थ्योरी कामकाज करने वाले तबके की जीत निश्चित है और मानव समाज वर्ग संघर्ष के रास्ते ही प्रगाति करता है पर आधारित थी। वो कहते थे कि नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है। उनके द्वारा दिया गया नारा 'दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ' आज भी मजदूरों के दिलों में जिंदा है।
Updated on:
01 May 2019 11:35 am
Published on:
01 May 2019 11:34 am
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