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नई दिल्ली। रोजमर्रा की जरूरतों और दिक्कतों से जूझता हिंदुस्तान भले अमेरिका नहीं बन पाया, लेकिन हमारे देसी जुगाड़ से कई काम में आसानी हो गई है। आज भी कई लोग ऐसे है जो जुगाड़ का मतलब नहीं समझते है। जब मानक संसाधनों का अभाव हो या वे बहुत महगें हों तो 'कामचलाऊ ढंग' से कुछ करके काम निकाल लेने को भी जुगाड़ कहते हैं। अपने देश के हर कौने में ऐसे लोग मिल जाएंगे जो देसी जुगाड़ से अपने रोजमर्रा के काम करते है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक गरीब मजदूर के बेटे नीरज मौर्य ने अनोखा काम कर सभी को चौंका दिया।
बैट्री से चलने वाली बाइक
इस युवक के पिता पंचर बनाने की दुकान चलाते है। वह अपने पिता के काम में हाथ बंटाता और अपनी कॉलेज की पढाई भी करता है। एक दिन उनके मन में ध्याल आया कि दुकान में पड़े बेकार सामान से कुछ बना सकते है। कई महीनों की मेहनत के बाद एक जुगाड़ की बाइक बनाई। इस बाइक को चलाने के लिए आपको पेट्रोल की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बैट्री से चलने वाली है। एक बार बैट्री चार्ज करने पर 50 किलोमीटर तक सफर तय कर सकती है।
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बैट्री खरीदने नहीं थे पैसे
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह परिवार इतना गरीब है कि युवक के पास बैट्री खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। लिहाजा इसने नवरात्रि में देवी मां की छोटी-छोटी मूर्तियां बनाईं और बेचीं। इसके बाद बाइक बनाने का प्लान किया। पिछले दिनों इसने बाइक बनाकर तैयार कर दी। इनकी जुगाड़ वाली बाइक में रिवर्स गीयर भी लगता है।
रिवर्स गीयर वाली बाइक
नीरज पंचशील डिग्री कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। इनकी जुगाड़ वाली बाइक में रिवर्स गीयर भी लगता है। इस बाइक को बनाने में करीब 30 हजार रुपए का खर्च आया। इसकी स्पीड सामान्य बाइक जैसी ही है। इनकी बाइक देखने स्थानीय एमएलए राहुल प्रकाश खुद नीरज के घर पहुंचे। यूपी सहित देशभर में इस बाइक की चर्चा की जा रही है। वहीं कुछ नीरज की तारीफ करते हुए कह रहे है कि ऐसे हुनर वालों को आगे बढ़ाना चाहिए। ऐसे लोग अपने देश के लिए बहुत कुछ कर सकते है।
Published on:
19 Dec 2020 01:15 pm
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