scriptहिन्दू नववर्ष 2078 के राजा, मंगल- साल 2021में दिसंबर तक कब-कब करेंगे राशि परिवर्तन, देखें यहां | Mangal Rashi Parivartan 2021 with All date and time | Patrika News

हिन्दू नववर्ष 2078 के राजा, मंगल- साल 2021में दिसंबर तक कब-कब करेंगे राशि परिवर्तन, देखें यहां

locationभोपालPublished: Jan 14, 2021 12:51:50 pm

Mangal Rashi Parivartan 2021: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये सभी राशि परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण…

Mangal Rashi Parivartan 2021 with All date and time

Mangal Rashi Parivartan 2021 with date and time

नया साल 2021 शुरू हुए करीब 2 सप्ताह हो चुके हैं।ऐसे में जहां साल 2021 के शुरुआती दिनों से ही ग्रहों की चाल में बदलाव देखने को मिला। वही ग्रहों की चाल में बड़े बदलावों का दौर अभी जारी है।
जानकारों के अनुसार ग्रहों की चाल बदलने से किसी को शुभ तो किसी को अशुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। इसकी वजह है इन ग्रहों का मनुष्य जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों जैसे नौकरी, धन प्राप्ति, तरक्की, व्यापार, परिवार आदि पर प्रभाव पड़ेगा…
वहीं ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस नए साल 2021 में मंगल ग्रह 7 बार राशि परिवर्तन करेंगे, दूसरी तरफ 13 अप्रैल 2021 से शुरु होने वाले हिन्दू के नए साल २०७८ के राजा और मंत्री दोनों ही मंगल होने हैं। ऐसे में मंगल ग्रह के राशि परिवर्तन अत्यंत प्रभावशाली होंगे।
MUST READ : हिंदुओं का नववर्ष अप्रैल 2021 से – जानें कैसा रहेगा देश व दुनिया के लिए – नवसंवत्सर 2078

hindu_navvash_april_2021.jpg
ये परिवर्तन किन तिथियों को होंगे, जानें…

मंगल का वृषभ राशि में गोचर – 22 फरवरी 2021
मंगल का मिथुन राशि में गोचर – 14 अप्रैल 2021

मंगल का कर्क राशि में गोचर – 2 जून 2021

मंगल का सिंह राशि में गोचर – 20 जुलाई 2021

मंगल का कन्या राशि में गोचर – 6 सितंबर 2021
मंगल का तुला राशि में गोचर – 22 अक्तूबर 2021

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर – 5 दिसंबर 2021

MUST READ : Astrology Predictions -बदलने जा रहा है देश का चुनावी गणित
election_astrology.png
मंगल ग्रह का असर
मंगल को देवताओ का सेनापति यानि देवसेनापति भी कहा जाता है। वहीं किसी के सामने नहीं झुकने और पराक्रम का कारक होने के कारण इसे क्रोध, ऊर्जा, हिंसा, लड़ाई-झगड़े का स्वामी कहा गया है। मंगल को ज्योतिष में क्रूर ग्रह माना गया है। वहीं अगर ये कुंडली में शुभ अवस्था में स्थित हो तो साहस, पराक्रम, शौर्य को प्रदर्शित करता है। यह ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना गया है। यह मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, शौर्य का कारक होता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह मकर राशि में उच्च होता है, जबकि कर्क इसकी नीच राशि है। वहीं नक्षत्रों में यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी होता है। गरुण पुराण के अनुसार मनुष्य के शरीर में नेत्र मंगल ग्रह का स्थान है। यदि किसी जातक का मंगल अच्छा हो तो वह स्वभाव से निडर और साहसी होगा तथा युद्ध में वह विजय प्राप्त करेगा।
मनुष्य जीवन के लिए यह बड़ा प्रभावकारी ग्रह है। मंगल दोष के कारण लोगों के विवाह में कठिनाई आती है। इसके हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों में इसका प्रभाव भिन्न होता है
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो