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देह व्यापार के लिए लड़कियों के साथ किया जाता है एेसा काम, जानकर रह जाएंगे हैरान

गरीब पैसों के लालच या परिवार के बाकी लोगों की पेट की आग को बुझाने के लिए बेटियों को दरिंदों के हाथों बेंच दिया जाता है।

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Vinay Saxena

Jul 23, 2018

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देह व्यापार के लिए लड़कियों के साथ किया जाता है एेसा काम, जानकर रह जाएंगे हैरान

नई दिल्ली: दुनियाभर में देह व्यापार के लिए मानव तस्करी का जाल दिन-ब-दिन मजबूत होता रहा है। इसमें होती मोटी कमाई के मद्देनजर बीते कुछ सालों में भारत समेत दुनिया के कई देशों में यह तस्करी सबसे बड़े धंधे के रूप में उभरी है। कई देशों में देह व्यापार को कानूनी मान्यता हासिल है तो कहीं सब कुछ गैरकानूनी है। कानून से कहीं नजर बचा कर तो कहीं उसे साथ मिला कर यह धंधा अरबों का हो चुका है।

नेपाल में चंद रुपयों के लिए बेच दी जाती हैं लड़कियां

नेपाल में लड़कियां 3 से 15 हजार रुपए तक में बेच दी जाती हैं। गरीब पैसों के लालच या परिवार के बाकी लोगों की पेट की आग को बुझाने के लिए बेटियों को दरिंदों के हाथों बेंच दिया जाता है। तस्कर उन लड़कियों को दिल्ली, मुंबई या कोलकाता के बाजारों में डेढ़ से ढाई लाख रुपए तक में बेच डालते हैं। वहां से ज्यादातर नेपाली लड़कियों को अरब, हांगकांग, जापान, कोरिया, अफ्रीका, मलेशिया, थाईलैंड आदि देशों में पहुंचा दिया जाता है। वहां लड़की के सारे पासपोर्ट, वीजा, पहचान पत्र आदि दस्तावेजों को जब्त कर लिया जाता है, ताकि लड़की भाग न सके।

देह व्यापार के चंगुल से छूटी लड़की ने सुनाई आपबीती


नेपाल से तस्करी कर भारत लाई गई एक लड़की को पुलिस ने छापा मारकर मुक्त कराया। उस लड़की ने एक इंटरव्यू में आपबीती सुनाते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए। लड़की ने बताया कि वह महज आठ साल की थी, जब उसे दूसरे परिवार के हाथों बेच दिया गया। यहां उससे नौकरों की तरह काम करवाया जाता था। दो साल बाद उसे भारत में एक नेपाली परिवार के घर भेज दिया गया।

जवान करने के लिए जबरदस्ती दी जाती थी लाल दवा


वहां उसे एक नेपाली परिवार के साथ रखा गया। यहीं उसे गंदी दवा दी जाती थी। इसके बाद उन्होंने देह व्यापार के लिए बेच दिया। वह उस जगह सबसे छोटी बच्ची थी। उसे हर दिन लाल दवा दी जाती थी। हर बार वो दवा खाने के बाद उसे उल्टी करना पड़ता था। उसे जबरदस्ती ये दवा खानी पड़ती थी। अगर वह मना करती थी तो उसे पीटा जाता। वो मुझसे कहते कि दवा खाने से मैं जल्दी बड़ी हो जाऊंगी और जल्दी घर वापस जा सकूंगी।

इसलिए होती है बच्चियों की तस्करी

तस्करी के खिलाफ काम कर रहे नेपाली संगठन मैती नेपाल के निदेशक बिश्वरम खड़का का कहना है तस्कर गरीब और पिछड़े इलाके की बच्चियों को निशाना बनाते हैं। वो परिजनों को बच्चियों को अच्छी शिक्षा का सपना दिखाकर बरगला लेते हैं। उन्होंने बताया कि जवान लड़कियां आसानी से पहचान ली जाती हैं, लेकिन बच्चियों के साथ सीमा पार करना आसान होता है क्योंकि जांचकर्ताओं की नजर तो जवान लड़कियों पर होती है। अगर किसी से सवाल भी किए जाते हैं तो वो बच्ची को अपना बताकर आसानी से निकल जाते हैं।

नौ से 12 साल के बीच की बच्चियों को दिए जाते हैं हार्मोन


तस्कर की शिकार युवतियों की संस्था शक्ति समूह की संस्थापक और निदेशक सुनिता दानुवार के मुताबिक, आमतौर पर नौ से 12 साल के बीच की बच्चियों को ही हार्मोन दिए जाते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, जिन बच्चियों को ग्रोथ हार्मोन दिए जाते हैं, उनका सीना और नितंब जल्दी बड़े हो जाते हैं और वो जवान लगने लगती हैं।