
जम्हाई लेने पर प्रिंसिपल ने बच्चे को मारा थप्पड़, पिता ने ऐसे सिखाया सबक
नई दिल्ली। ठाणे के स्कूल की प्राचार्या को 11 साल के एक छात्र को थप्पड़ मारने पर तलब किया गया है। छात्र का गुनाह बस यह था कि वह स्कूल में सुबह की प्रार्थना के समय जम्हाई ले रहा था। घटना महाराष्ट्र के ठाणे स्थित एक नीजी स्कूल की है। यह स्कूल यहां मीरा रोड इलाके में स्थित है और यह घटना 22 जून की है। पीड़ित छात्र छठी कक्षा में पढ़ता है। यह स्कूल यहां के मीरा रोड इलाके में स्थित है और यह घटना 22 जून की है।
छात्र के पिता ने इसे लेकर प्राचार्या के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और कार्यवाई की मांग की है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नारायण नगर के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालाजी पंढारे ने छात्र के पिता की ओर से दर्ज शिकायत के हवाले से बताया कि जम्हाई लेने पर प्रिंसिपल ने जोरदार आपत्ति जताई और बच्चे को कथित तौर पर चांटा मार दिया। पंढारे ने जानकारी देते हुए बता कि, छात्र के पिता का कहना है कि वह जब शिकायत करने स्कूल गए तो प्रिंसिपल ने कहा कि अगर बच्चे इस तरह की हरकत करेंगे तो उन्हें सजा दी जाएगी। बच्चे के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबधित धारा और किशोर न्याय कानून अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने छात्र के पिता की शिकायत पर प्राचार्या के खिलाफ आइपीसी की धारा 323 और बाल न्याय कानून के तहत केस दर्ज किया है। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और मामले अभी किसी गिरफ्तारी की बात सामने नहीं आई है।
क्या है आईपीसी की धारा 323?
जो भी व्यक्ति (धारा 334 में दिए गए मामलों के सिवा) जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुंचा है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है। यह केस अपराध पीड़ित / चोटिल व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है।
Published on:
27 Jun 2018 01:32 pm
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