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नई दिल्ली। लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों(Shramik Specials Train) से किराया वसूलने को लेकर रेलवे की काफी आलोचना हो रही है। अब इसपर उसने सफाई दी है। रेलवे का कहना है कि वह मजदूरों को टिकट नहीं बेच रहा है।
रेलवे (railways) के एक अधिकारी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेच रहा है। रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो कुल लागत का महज 15% है। जबकी 85% रेलवे द्वारा वहन किया जा रहा।
रेलवे अब तक 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Specials Train) का संचालन कर चुका है। सूत्रों के अनुसार रेलवे ने सोमवार को कहा, 'रेलवे राज्य सरकारों से स्पेशल ट्रेनों के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो रेलवे की कुल लागत का महज 15 प्रतिशत है।
रेलवे किसी भी प्रवासी को टिकट नहीं बेच रहा है और राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार ही यात्रियों को यात्रा करने दे रहा है।'
रेलवे ने साफ तौर पर कहा है कि 'राज्य सरकारें जिन यात्रियों का चयन यात्रा के लिए करेंगी, उनको टिकट खुद सौपेंगी और बदले में उनसे किराया लेंगी। फिर सबसे एकत्र किया गया किराया रेलवे के पास जमा कराएंगी।
रेलवे का कहना है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन आम लोगों के लिए नहीं चलाई जा रही है। ये राज्य सरकार के कहने पर चल रही है, स्टेट जिसे चाहे वो इन ट्रेन में यात्रा कर सकता है। इसलिए इसके किराए की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की है।
Published on:
04 May 2020 08:27 pm
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