19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आयुर्वेदिक एंटीऑक्सीडेंट दवा रोकेगी कोरोना और डायबिटीज दोनों को, रिसर्च में हुआ खुलासा

एंटीआक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा वाली दवाईयां मधुमेह तथा कोरोना के संक्रमित मरीजों को नियंत्रित कर रही हैं जबकि अन्य उपचार करा रहे लोगों में साइटोकिन्स की अति सक्रियता देखी गई।

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Nov 13, 2020

Corona update :  28 के सैम्पल, एक पॉजिटिव

Corona update : 28 के सैम्पल, एक पॉजिटिव

देश और दुनिया में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच एक राहत भरी खबर है। एक इंटरनेशनल रिसर्च में खुलासा हुआ है कि एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा से प्रचुर हर्बल दवाएं कोरोना के साथ-साथ डायबिटीज के मरीजों पर भी सकारात्मक असर दिखा रही है।

दुर्गा सप्तशती के ये 13 मंत्र पूरी करेंगे आपकी हर मनोकामना, जानिए कैसे प्रयोग करना है

Coffee से जुड़े ये वर्ड्स सीख कर दूसरों को फटाफट कर सकते हैं इम्प्रेस

रिसर्च में हुआ ये बड़ा खुलासा

तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेस के एंड्रोक्रोनोलॉजी डिपार्टमेंट ने अपनी रिसर्च में पाया कि एंटीआक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा वाली दवाईयां मधुमेह तथा कोरोना के संक्रमित मरीजों को नियंत्रित कर रही हैं जबकि अन्य उपचार करा रहे लोगों में साइटोकिन्स की अति सक्रियता देखी गई। खास बात यह है कि भारत में डायबिटीज के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाएं बहुत प्रचलित हैं। केन्द्र सरकार के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने बीजीआर-34 जैसी सफल दवाएं विकसित की है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा है।

भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई है डायबिटीज की आयुर्वेदिक दवा

भारत सरकार के शोध संस्थान एनबीआरआई के पूर्व वैज्ञानिक एवं बीजीआर-34 विकसित करने वाले वैज्ञानिक एकेएस रावत शोध के दावों को महत्वपूर्ण मानते हैं। वे कहते हैं कि बीजीआर-34 में दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुडमार, मजीठ तथा मैथिका जैसे हर्ब मिलाए गए हैं। ये रक्त के ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने के साथ-साथ शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी बढ़ाते हैं।

रिसर्च के अनुसार जो लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं और कोरोना में भी संक्रमित हो रहे हैं, उनमें कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने से हाईपरग्लेसिमिया की स्थिति पैदा हो रही है जिससे रक्त में इंसुलिन की मात्रा एकदम से कम हो जाती है। दूसरे कोरोना की वजह से प्रतिरोधक कोशिकाओं की कार्यप्रणाली भी बिगड़ रही है। दोनों का नतीजा यह है कि बीमारी गंभीर हो रही है तथा मौत का कारण भी बन रही है।