20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पिता की मौत के बाद बेटे ने नहीं निभाया अपना फर्ज, मुस्लिम लोगों ने किया अंतिम संस्कार

एक बेटे ने अपने ही पिता के शव को लेने से साफ इनकार कर दिया। दरअसल बेटे को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं उसे कोरोना ( Corona ) ना हो जाए। जब ये बात इलाके के मुस्लिम लोगों को पता चली तो उन्होंने मृतक का हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार किया।

2 min read
Google source verification
Coronavirus Impact

Coronavirus Impact

नई दिल्ली। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) स्थित अकोला ( Akola ) में शनिवार को एक 78 वर्षीय हिंदू शख्स की मौत हो गई। हिंदू व्यक्ति के परिवार ने कोरोना के डर से इस शख्स का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। ऐसे में कुछ मुस्लिम युवाओं ने मिलकर उनका अंतिम संस्कार किया।

दरअसल जिस अस्पताल में मरने वाला शख्स भर्ती था वहीं कोरोना वायरस ( coronavirus ) के मरीजों का इलाज चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वच्छता विभाग के प्रमुख प्रशांत राजुरकर ने बताया, 'नागपुर में रहने वाले इस व्यक्ति के बेटे ने शव को लेने और अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।

कटहल खाने के लिए पेड़ पर चढ़ा हाथी, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल

इसलिए स्थानीय मुस्लिम संगठन अकोला कच्छी मेमन जमात ने ये जिम्मेदारी ली और कुछ मुस्लिम लोगों ने श्मशान में चिता को जलाया। महापालिका के स्वच्छता अधिकारी प्रशांत राजूरकर ने बताया कि दो दिन पहले एक बूढ़े आदमी की अस्पताल में मौत हो गई थी।

कागजी कार्रवाई को निपटाने के बाद प्रशासन ने मृतक के घर वालों को इस बारे में सूचना दी लेकिन घर से उनका शव लेने के लिए कोई भी शख्स नहीं आया। जिस बाप ( Father ) ने बेटे ( Son ) को जन्म दिया, उसे उसके अंतिम समय में बेटा देखने तक नहीं आया।

प्रशांत ने बताया कि मृतक के घर में उसकी पत्नि ( Wife ) और बेटा हैं। बेटा नागपुर ( Nagpur ) में रहता है जब उसे अपने पिता की मौत की खबर लगी तो वो अकोला आ गया, लेकिन उसे यहां इस बात का डर सताने लगा कि कहीं उसे कोरोना ना हो जाए। इस डर से उसने अंतिम संस्कार करना तो दूर बल्कि पिता के अंतिम दर्शन तक नहीं किए।

महज 90 रुपए के खर्च पर की जा सकेगी कोरोना की जांच, 30 मिनट में आ जाएगी रिपोर्ट

जब ये खबर जावेद जकारिया को लगी तो उन्होनें उस बूढ़े शख्स का पूरे हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार किया। जावेद ने कहा कोरोना ( Corona ) ने हमारे रिश्तों की डोर को तोड़ने का काम किया है। बेटे को कोरोना ना हो जाए इसलिए उसने अपने बाप को कंधा नहीं दिया।

जावेद ज़केरिया ने ये भी बताया कि अकोला में कोरोना के चलते हुई पहली मौत के बाद हमने उन लोगों के लिए अंतिम संस्कार करने का फैसला किया जिनके परिवार ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने बताया कि हमने 60 अंतिम संस्कार किए हैं, जिनमें से 21 कोविड रोगियों के थे..इनमें से पांच हिंदू थे।