scriptकोरोनावायरस से बंद हुई सांपों की मंडी, ढ़ाई लाख रुपए तक बिकते थे खाल | Snake Mandi in China and Indonesia are Closed for Coronavirus | Patrika News

कोरोनावायरस से बंद हुई सांपों की मंडी, ढ़ाई लाख रुपए तक बिकते थे खाल

locationनई दिल्लीPublished: Feb 10, 2020 08:30:43 am

Submitted by:

Soma Roy

Coronavirus with snake : इंडोनेशिया के सिरेबॉन और चीन के वुहान की सांप मंडी है बंद
कोरोनावायरस के डर से लोग नहीं खरीद रहे हैं सांप

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Coronavirus with snake

नई दिल्ली। चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। इससे अभी तक करीब 910 लोगों की मौत हो गई है। शुरुआती दौर में वैज्ञानिकों का मानना था कि ये बीमारी सांपों की वजह से फैली है। इसी डर से चीन (China) और इंडोनेशिया में सांपों की लगने वाली मंडी बंद कर दी गई है। यहां दुनिया भर के सांप आसानी से देखने को मिल जाते थे। यहां न सिर्फ खाने के लिए सांप मिलते थे, बल्कि दवाईयों और एसेसरीज बनाने के लिए उनकी खाल तक बेची जाती थी।
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बताया जाता है कि सांपों की खाल से बनने वाले बैग्स की कीमत तो करीब-करीब 2.21 लाख रुपये से भी ज्यादा होती है। इंडोनेशिया (Indonesia) के सिरेबॉन के केर्तासुरा गांव में ऐसी ही एक मंडी है, जहां जीवित सापों और उनके अंगों का व्यापार होता था। यहां सांपों को बड़ी बेरहमी से मारा जाता था। उन्हें मारने के लिए उनका सिर कुचल दिया जाता था। वहीं उनके शरीर से खाल उतारने के लिए लोहे की रॉड का इस्तेमाल किया जाता है।
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जानकारों के मुताबिक सांप को मारकर उसके बराबर की पतली रॉड (Iron Rod) सांप के शरीर के अंदर डाली जाती है। उसके बाद शरीर में पानी भर दिया जाता है। इससे खाल छूटने लगती है। जब शरीर से खाल की पकड़ ढीली हो जाती है तब इसे खींचकर उतार लिया जाता है और इन्हें भट्टी में डाल दिया जाता है। इसके बाद इसे रोल करके रख लिया जाता है। सांपो के साथ हो रही इस बेरहमी का कारण इनसे होने वाले फायदे हैं। लोग सांपों की मंडी से जिंदा सांपों के जहर को निकालकर उससे दवाइयां बनाते हैं। जबकि उसकी खाल से बेल्ट, बैग्स, जूते एवं अन्य सामान बनाए जाते हैं।
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