
CERN Lab
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की वजह से दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला को पिछले दिनों बंद कर दिया गया था। स्विट्जरलैंड ( Switzerland ) के जेनेवा ( Geneva ) में स्थित इस प्रयोगशाला ने लार्ज हैड्रन कोलाइडर में नियंत्रित तरीके से काम शुरू कर दिया है।
इस महाप्रयोग ( Mega Experiment ) में लगे 100 देशों के एक हजार से ज्यादा वैज्ञानिक ( Scientist ) अलग-अलग बैच में यहां काम करना शुरू करेंगे। गॉड पार्टिकल की खोज करने वाला ये महाप्रयोग बंद करना पड़ गया था जो कि अब फिर से शुरू हो रहा है।
गॉड पार्टिकल ( God Particle ) को खोज में कई सालों से महाप्रयोग किया जा रहा है। ये महाप्रयोग एक 27 किलोमीटर लंबी सुरंग में चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण में गॉड पार्टिकल की खोज की दिशा में शुरुआती कामयाबी मिल भी गई थी। लेकिन उसके बाद फरवरी 2013 में इस जगह के अपग्रेडेशन के लिए इसे बंद कर दिया गया था।
जब साल 2013 में दो साल के लिये महाप्रयोग को रोक दिया गया था तब ये सुरंग ( Tunnel ) भी बंद कर दी गई थी। फिर इसे साल 2015 में खोला गया। अब वैज्ञानिकों ने फिर से तैयारी कर ली है और उम्मीद की जा रही है कि वे गॉड पार्टिकल ( God Particle ) के बारे में और रहस्यों का खुलासा करेंगे।
अब दोबारा शुरू हो रहे इस महाप्रयोग के दौरान सर्न प्रयोगशाला ने अपने सभी वैज्ञानिकों को सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और पीपीई किट के साथ काम करने की सख्त हिदायत दी है। हर वैज्ञानिक को लैब में घुसने से पहले उसे कड़ी जांच से गुजरना होगा।
सर्न प्रयोगशाला ( CERN Lab ) को खोलने के सभी तैयारियों कर ली गई है। इसके बाद हर रोज 500 वैज्ञानिकों को लैब में आने की अनुमित दी जाएगी। लैब की ये पूरी प्रक्रिया 12 हफ्तों तक चलेगी। दुनियाभर के लोगों की नज़रे इस महाप्रयोग पर टिकी है।
Published on:
20 May 2020 11:23 am
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