
नई दिल्ली। ऑफिस में काम करने वाला हर शख्स सफाई कर्मचारी का इंतज़ार करता है कि वो आए और ऑफिस की साफ-सफाई करे। खुद कभी झाड़ू उठाने में उसकी हालत खराब हो जाती है। हम हर जगह विआईपी कल्चर को फॉलो करते हैं लेकिन आज हम एक आईएएस ऑफिसर के बारे में बातएंगे जो इतने बड़े अफसर होने के बाद भी विआईपी कल्चर से दूर हैं। डॉक्टर अजयशंकर पांडे रोज़ 10 मिनट पहले ऑफिस पहुंचकर खुद अपना केबिन साफ करते हैं।
एक मीडिया वेबसाइट के मुताबिक, ऑफिसर अजयशंकर आज से नहीं बल्कि सन 1993 से ये काम करते आ रहे हैं। सन 1993 में वो आगरा में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के तौर पर कार्यरत थे। उनके कार्यकाल के दौरन एक बार सफाई कर्मचारी स्ट्राइक पर चले गए। फिर क्या था अगले दिन वो खुद झाड़ू लेकर दफ्तर पहुंच गए। आज स्वच्छता उनका मिशन बन चुका है। एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू देते समय उन्होंने बताया कि जब सफाई कर्मचारी हड़ताल पर गए थे तो उन्होंने उनकी समस्या सुलझाने के बहुत कोशिश की थी लेकिन उन्होंने काम पर न लौटने की ज़िद पकड़ ली थी।
उन्होंने फिर तय किया कि आखिरकार कचरा हम ही फैलाते हैं तो उसे साफ करने में हमें कोई शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए। आज वे सफाई को लेकर सबसे सामने एक उदाहरण हैं। बता दें कि डॉक्टर अजयशंकर आज के समय में गाजियाबाद के जिलाधिकारी हैं। उनके स्वच्छता मिशन को देखते हुए दूसरे अफसरों ने भी शहर के अलग-अलग क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया। बता दें कि डॉ. अजय आपने ऑफिस के समय से 10 मिनट पहले ही पहुंच जाते हैं और अपने केबिन की सफाई खुद करते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि- 'सफाई केवल महिलाओं का काम नहीं, देश के लोग ये मान बैठे हैं कि साफ-सफाई एक ही शख्स का काम है। हमें ये सोच बदलनी होगी।'
Published on:
16 Aug 2019 02:39 pm
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