
जब कुंभ मेले की भीड़ अंतरिक्ष से भी दिखी, नज़ारे की तस्वीर है अलौकिक
नई दिल्ली। मकर संक्रांति के मौके पर कुंभ मेले का आगाज होने के बाद हज़ारों श्रद्धालुओं ने गंगा जी में डुबकी लगाकर अपने मन और तन को पावन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं का गवाह बनने के लिए भक्तों से आग्रह किया कि वे इस वर्ष भारी संख्या में इसका हिस्सा बनें। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस मकर संक्रांति को आयोजित कुंभ अर्धकुंभ है लेकिन साल 2011 में आयोजित कुंभ का हैरान कर देने वाला दृश्य अंतरिक्ष से देखने को मिला। 2011 में प्रयागराज के कुंभ में भी उमड़ी थी लेकिन इस कुंभ की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी। साल 2011 में संगम के तट पर आयोजित कुंभ मेले में पूरी दुनिया की ऐसी भीड़ जुटी थी कि इस भीड़ को अंतरिक्ष से भी देखा गया था।
क्या होता है अर्ध कुंभ...
'अर्ध' शब्द का अर्थ होता है आधा और इसी कारण 12 वर्षों के अंतराल में आयोजित होने वाले पूर्ण कुंभ के बीच पड़ने वाला कुंभ अर्धकुंभ 6 वर्षों बाद आता है। हिंदुओं के लिए अर्ध कुंभ में स्नान करने का अनुभव बेहद अहम होता है। माना जाता है कि इस समय गंगा का स्नान करने से आप को सर्वश्रेष्ठ मुक्ति की प्राप्ति होती है। कुंभ के पावन पर्व को लेकर कुछ पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। कहा जाता है कि असुरों और देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन को अमर जीवन प्रदान करते हुए अर्ध कुंभ मेला हिंदुत्व आराधना का प्रतीक माना गया।
Updated on:
15 Jan 2019 12:22 pm
Published on:
15 Jan 2019 12:20 pm
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