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Holi 2021 : जानिए क्यों मनाया जाता है होली का त्यौहार, क्या है इसका महत्व

Holi 2021 Date: When is Holi Festival in 2021 - होली के पर्व से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। जिसमें एक भगवान कृष्ण से भी जुड़ी है इसी दिन भगवान कृष्ण ने पूतना का वध किया था

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Holika Dahan 2021 History & Significance

Holika Dahan 2021 History & Significance

Holi 2021 Date: When is Holi Festival in 2021 - होली के त्यौहार की धूम पूरे देश में रहती है इस साल होली 29 मार्च दिन सोमवार को मनाई जाएगी। हिन्दी पंचांग के अनुसार, होलिका दहन हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होती है। इस वर्ष होलिका दहन 28 मार्च दिन रविवार को मनाई जाएगी। होलिका दहन के बाद यानि की दूसरे दिन लोग रंग गुलाल लगाकर एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते है। प्रेम के प्रतीक इस त्यौहार के दिन लोग अपने गिले शिकवे को मिटाकर एक हो जाते है। बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाने वाले इस त्यौहार के पीछे कई कहानियां जुड़ी हुई है। जिसके बारे में शायद आप जानते होगें। आज हम आपको बताते है होलिका दहन के पीछे छिपा इसका इतिहास ..

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होलिका दहन का इतिहास

होलिका दहन का चलन आज से नही बल्कि पौराणिक काल से ही चला आ रहा है द्वापर युग में भी इसका चलन था लेकिन इसके पीछे की वजह दूसरी थी। द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तब उनके मामा कंस ने कृष्ण को मारने के लिए पूतना राक्षसी को भेजा था। लेकिन कंस के द्वारा रचाई चाल उनके उपर भारी पड़ गई और भांजे श्रीकृष्ण के हाथों पूतना मारी गई। मान्यता अनुसार श्री कृष्ण ने पूतना का वध फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ही किया था और इसी खुशी में नंदगांव की गोपियों ने बाल श्रीकृष्ण के साथ होली खेली थी।

वहीं, होली पर्व को भगवान शिव और कामदेव से भी जोड़कर देखा जाता है। जब भगवान शिव ने अपने क्रोध से कामदेव को भस्म कर दिया था। हालांकि बाद में उनको प्राणदान भी दिया। लेकिन जिस दिन कामदेव भस्म हुए थे वो दिन भी होलिका दहन का होता है। इस कहानी के बाद सबसे प्रचलित कथा भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका से जुड़ी है। जिसके बारे में हर कोई जानता है। इसमें होलिका ने अपने भतीजे प्रह्लाद को भाई के कहने पर आग में बैठाकर जलाने की कोशिश की थी लेकिन इस आग में बुराई रूपी होलिका का दहन हुआ और सच्चाई की जीत हुई। प्रहालाद सुरक्षित रूप से बच गए। उस दिन भी फाल्गुन पूर्णिमा थी, इसलिए हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन होता है।

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होलिका दहन का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन की आग बहुत प्रभावी और पवित्र मानी जाती है, जिसके प्रभाव से नकारात्मकता, रोग, दोष दूर हो जाते हैं। इस दिन लोग घर के बाहर बीच चौराहे पर गोबर के कंडे को रखकर घर की हर टूटी फूटी चीजों को उस पर डाल देते है।इसके बाद इन चीजों पर आग लगी देते हैं। महिलाएं होलिका की परिक्रमा करती हैं। और घरसे लाई चीजों को अग्नि में डाल देती हैं, ताकि उनके जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाए।