29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पांच साल में 219 नाबालिग बनी गर्भवती!

पिछले पांच वर्षों के दौरान जिले में गर्भवती होने वाली लड़कियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है, इस साल और भी बढ़ गई है। साल 2023-24 में जिले में कुल 66 नाबालिग गर्भवती हुईं और अकेले गंगावती तालुक में 28 मामले सामने आए हैं।

2 min read
Google source verification
पांच साल में 219 नाबालिग बनी गर्भवती!

पांच साल में 219 नाबालिग बनी गर्भवती!

गर्भवती महिलाओं के मदर कार्ड से चल रहा पता
कोप्पल. पिछले पांच वर्षों के दौरान जिले में गर्भवती होने वाली लड़कियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है, इस साल और भी बढ़ गई है। साल 2023-24 में जिले में कुल 66 नाबालिग गर्भवती हुईं और अकेले गंगावती तालुक में 28 मामले सामने आए हैं। पिछले साल कुल 49 मामले थे। ऐसा चिंताजनक मामला जिला स्वास्थ्य विभाग के आरसीएच (प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य) पोर्टल पर दर्ज हुआ है। गर्भवती महिलाओं के मदर कार्ड लेने के लिए आने पर उनकी उम्र का पता चलता है। तब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।

सिर्फ बाल विवाह रोकना ही पर्याप्त नहीं

लोगों का कहना है कि 18 वर्ष से कम उम्र की गर्भवतियों के मामले दर्ज कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस को जानकारी दे रहे हैं। पॉक्सो और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। कई बार जिले के अलग-अलग हिस्सों में बाल विवाह की व्यवस्था की जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारी विवाह रुकवाकर मामले को वहीं छोड़ देते हैं। बाद में लडक़ी पर ध्यान नहीं देने के कारण ऐसी घटना हो रही है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान, 2019-20 में गंगावती तालुक में छह मामले, अगले तीन वर्षों में क्रमश: 2, 10 और नौ मामले सामने आए थे। यह पहली बार है जब सर्वाधिक 28 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा यलबुर्गा में 18 मामले सामने आए हैं।

कुष्टगी तालुक में मामलों में आई कमी

यह पहली बार है कि कोप्पल तालुक में मामलों की संख्या, जो पिछले पांच वर्षों के दौरान एकल अंक में थी, दोहरे अंक में पहुंच गई है। खास बात यह है कि कुष्टगी तालुक में पिछले वर्षों की तुलना में नाबालिग गर्भवर्तियों की संख्या में कमी आई है।

जागरूकता पैदा करने की जरूरत

बच्चों की सुरक्षा और बाल विवाह को रोकने के लिए मौजूद सरकार की बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग इस संबंध में लोगों के बीच अधिक जागरूकता पैदा करने और नाबालिग गर्भवतियों को भविष्य में होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करने की दिशा में काम करने की जरूरत है।

जागरूकता पैदा की जा रही है

आधार कार्ड में दर्ज आयु के अनुसार जानकारी एकत्रित की जाती है। हमारे विभागीय कार्यक्रमों के दौरान भी नाबालिग गर्भावस्था के खतरे के बारे में जागरूकता पैदा की जा रही है।

-डॉ. प्रकाश, जिला आरसीएच अधिकारी, कोप्पल