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राजस्थान में भजनलाल सरकार के दो साल: सुरक्षा, सड़क, पानी और रोजगार जैसे मुद्दों पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

हुब्बल्ली में निवास कर रहे राजस्थान मूल के प्रवासियों के बीच राजस्थान पत्रिका की ओर से विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का विषय था राजस्थान में भाजपा की भजनलाल शर्मा सरकार का दो वर्षीय कार्यकाल कैसा रहा। इस चर्चा में प्रवासियों ने सरकार की नीतियों, जमीनी हकीकत और अपने अनुभवों के आधार पर खुलकर राय रखी।

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भाजपा सरकार के कामकाज को लेकर हुब्बल्ली में आयोजित राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में विचार रखते प्रवासी।

भाजपा सरकार के कामकाज को लेकर हुब्बल्ली में आयोजित राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में विचार रखते प्रवासी।

किसी ने कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर सवाल उठाए तो किसी ने बिजली आपूर्ति और कुछ विकास कार्यों की सराहना की। परिचर्चा में सामने आई राय से साफ है कि भजनलाल सरकार के दो साल को प्रवासी पूरी तरह असफल नहीं, लेकिन पूरी तरह संतोषजनक भी नहीं मान रहे हैं। उम्मीदें अब भी बनी हैं, लेकिन सरकार से जमीनी स्तर पर तेज और ठोस कार्रवाई की अपेक्षा है। प्रस्तुत है प्रवासियों की राय:

उम्मीदें थीं ज्यादा, परिणाम रहे सीमित
बालोतरा जिले के गोलिया चौधरियान निवासी किशोर पटेल ने कहा, उन्हें पूरा भरोसा था कि केंद्र और राज्य—दोनों जगह भाजपा की सरकार होने से विकास कार्यों में तेजी आएगी, लेकिन जमीनी स्तर पर अपेक्षित बदलाव नजर नहीं आया। राजस्थान में चोरी-डकैती की घटनाएं बढ़ी हैं और उद्योगों को लेकर ठोस पहल नहीं दिखती। पाली क्षेत्र से निकलने वाला प्रदूषित पानी बालोतरा-समदड़ी बेल्ट तक पहुंच रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। दोनों जगह भाजपा की सरकारें होने के बावजूद समाधान नहीं निकलना निराशाजनक है।

सड़कें बदहाल, रोजगार योजनाएं ठप
बालोतरा जिले के बिठूजा निवासी मालाराम देवासी ने कहा, सड़कों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। पिछले दो सालों से सड़क निर्माण की गति बेहद धीमी है और कई जगह घटिया सामग्री का उपयोग हो रहा है। हालांकि बिजली व्यवस्था पहले से बेहतर हैं, लेकिन जल जीवन मिशन का कामकाज पटरी पर नहीं दिखता। कई गांवों में पाइपलाइन बिछा दी गई है, पर पानी अब तक नहीं पहुंचा। नरेगा जैसी रोजगार गारंटी योजना भी कई इलाकों में ठप पड़ी है।

कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
जालोर जिले के चौरा निवासी बीरबल एम. विश्नोई ने कहा, ग्रामीण इलाकों में बढ़ती चोरी की घटनाएं ङ्क्षचतनीय है। कई गांवों में आए दिन ताले टूट रहे हैं। सांचौर के ट्रोमा सेंटर में स्वीकृत 17 चिकित्सकों के बावजूद कई बार एक भी डॉक्टर मौके पर नहीं मिलता। पिछली सरकार द्वारा जिला बनाए गए सांचौर को नई सरकार द्वारा जिला दर्जा वापस लेना भी लोगों में नाराजगी का कारण बना हुआ है। इनलैंड पोर्ट जैसी बड़ी परियोजना का एमओयू और सर्वे पूरा होना सकारात्मक संकेत है। यह परियोजना करीब 10 हजार करोड़ रुपए की बताई जा रही है और इससे भविष्य में रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।

विकास योजनाएं हैं, लेकिन अधूरी
जालोर जिले के जुंजाणी निवासी मूलाराम चौधरी ने कहा, सरकार के कुछ प्रयास सराहनीय है। नर्मदा का पानी भीनमाल के आसपास के गांवों तक पहुंच गया है, लेकिन भीनमाल शहर अब भी इससे वंचित है। क्षेत्र की कई सड़कें आज भी जर्जर हालत में हैं। उदाहरण के रूप में भीनमाल से जुंजाणी तक की दस किमी सड़क कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिसे अब तक दुरुस्त नहीं किया गया है।

पेयजल और परिवहन अब भी बड़ी चुनौती
जोधपुर जिले के धुंधाड़ा निवासी ललीतकुमार दर्जी ने कहा, राजस्थान में आज भी कई गांव पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। आजादी के 75 साल बाद भी जोधपुर जिले के धुंधाड़ा गांव में सरकारी बस सेवा का अभाव है। पाली क्षेत्र की फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायनयुक्त पानी एक गंभीर समस्या बन चुका है जिससे जमीनें बंजर हो रही हैं और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।