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विशाखापट्नम के आदिवासियों को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता,इनकी बनाई “अराकू कॉफी” को फ्रांस में मिला पुरस्कार

यह ब्रांड 90फीसदी से ज्यादा विदेशों में ही निर्यात किया जाता है लेकिन अब देश के बाजारों में ले आने की कोशिश भी की जा रही है...

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arraku coffe

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(हैदराबाद): आंध्रप्रदेश की कोडु जनजाति ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन उनके द्वारा निर्मित उत्पाद विदेशों में भी धूम मचाएंगे। विशाखापट्नम से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित अराकू घाटी में पैदा होने वाली कॉफी को पेरिस में गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है। इसी के साथ दुनिया की बेहतरीन कॉफी ब्रांड के तौर पर "अराकू कॉफी" को एक उत्तम गुणवत्ता वाली विशेष कॉफी के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी प्राप्त हो गई है। दरअसल अराकू घाटी के आदिवासी समुदायों की ओर से विकसित यह कॉफी पिछले वर्ष ही पेरिस के "ला ग्रैंड एपीकेरी" नामक स्टोर में पहुंची है। इस सप्ताह "प्रिक्स एपिक्यूर्स ऑर 2018 अवार्ड" मिलने से देश की यह कॉफी अब आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन गया है।

गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश शासन ने इस दुर्गम अराकू घाटी के आदिवासी किसानों के उत्थान के उद्देश्य से कई प्रयास किए हैं। साल 2008 में अराकू कॉफी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गाहक हासिल हो सकें, इसके लिए "अराकू ओरिजिनल्स" की स्थापना की गई थी। इस परियोजना के जरिये आदिवासी युवाओं को रोजगार देना भी उद्देश्य था। हालांकि यह ब्रांड 90फीसदी से ज्यादा विदेशों में ही निर्यात किया जाता है लेकिन अब देश के बाजारों में ले आने की कोशिश भी की जा रही है।