
बाल चिकित्सा विभाग में लगी आग, गनीमत कि बच्चे नहीं थे
हैदराबाद. हैदराबाद के राजकीय गांधी अस्पताल की तीसरी मंजिल में शुक्रवार को लगी आग के बाद सुरक्षा को लेकर फिर सवाल उठने लगे हैं। अस्पताल का बाल चिकित्सा विभाग आग लगने की वजह से पूरी तरह खाक हो गया। गनीमत यह रही कि वार्ड में मरीज नहीं होने के कारण कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। मई महीने में भी इसी अस्पताल की पहले मंजिल के इमरजेंसी ब्लॉक में आग लगी थी। अब दोबारा आग लगने से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट है। हालांकि, आग लगने के बाद अलार्म नहीं बजने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन दावा कर रहा है कि हर मंजिल पर आग बुझाने के उपकरण मौजूद हैं। वार्ड में तेजी से आग फैलने से धुआं बाहर निकलने लगा, जिसे देख कर फायर ब्रिगेड को सूचित किया गया। अग्निशमन अधिकारी के.वेंकटेश के अनुसार तीन अग्निशमन गाडिय़ां तैनात की गई थीं, लेकिन केवल एक ही का प्रयोग किया जा सका। आग से बाल चिकित्सा वार्ड में मौजूद सभी तरह के महंगे उपकरण राख हो गए। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. श्रवण कुमार ने दावा किया कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि सारी मंजिलों पर रखे गए अग्निशामक यंत्र आग बुझाने के लिए प्रयोग में लाए गए, लेकिन वो नाकाम रहे। अब उन्होंने इस घटना की जांच कराने की बात कही है।
विवादों से नाता
बता दें कि कुछ ही दिन पहले इसी अस्पताल में इंटर्न फिजियोथेरेपी छात्र टिकटॉक वीडियो शूटिंग करने पर बर्खास्त किए गए थे। पिछले वर्ष एक गर्भवती महिला को एडमिट नहीं करने पर अस्पताल के पार्किंग परिसर में एक ऑटोरिक्शा के अंदर महिला ने बच्चे को जन्म दिया था।
Published on:
09 Aug 2019 09:40 pm
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