
हैदराबाद. तेलगांना में कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (केएलआईपी) के हिस्से के रूप में, मेडीगड्डा (लक्ष्मी) बैराज पुल में शनिवार शाम को एक फुट संकुचन हुआ। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि बैराज पुल का संकुचन पिलर संख्या 18 और 21 के बीच हुआ।
सूत्रों ने बताया कि 1.6 किलोमीटर की लंबाई वाले इस बैराज का निर्माण 2019 में जयशंकर भूपालपल्ली जिले के महादेवपुर मंडल में गोदावरी नदी पर किया गया था। इस निर्माण केएलआईपी परियोजना के पहले चरण में किया गया। बैराज और महाराष्ट्र के बीच की दूरी 356 मीटर है। इसके बाद, अधिकारियों ने तुरंत तेलंगाना और महाराष्ट्र के बीच परिवहन रोक दिया और स्थानीय लोगों को सतर्क कर दिया। घटना के समय, बैराज में 25,000 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (क्यूसेक) पानी का प्रवाह हो रहा था और बैराज के 8 गेटों को ऊपर उठाकर पानी की निकासी की जा रही थी। बैराज की क्षमता 16.17 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी) है, उस समय 10.17 टीएमसी पानी था। एहतियात के तौर पर अधिकारियों ने 12 गेट खोलकर 50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार परियोजना के कार्यकारी अभियंता और एलएंडटी कंपनी के विशेषज्ञों की एक टीम भी बैराज का निरीक्षण करने के लिए मौके पर पहुंची।इस बीच, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष और सांसद ए. रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि बैराज का सिकुड़ना परियोजना की खराब गुणवत्ता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस परियोजना को दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना के रूप में प्रचारित किया है। कांग्रेस लंबे समय से इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाती रही है। उन्होंने कालेश्वरम परियोजना को मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव (केसीआर) के परिवार के लिए एटीएम (एनी टाइम मनी) के रूप में संदर्भित किया। रेड्डी ने केंद्र से इस समय भी कालेश्वरम परियोजना की मौजूदा न्यायाधीश से जांच शुरू करने का आग्रह किया।
Published on:
22 Oct 2023 10:15 pm
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