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मुंबई की दूरी घटा देगा 2 हजार करोड़ का यह प्रोजेक्ट, तेजी से बिछ रहीं रेल लाइनें

new rail project सालों से पेंडिंग यह प्रोजेक्ट तेजी से पूरा किया जा रहा है।

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new rail project

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इंदौर के अहम रेल प्रोजेक्ट इंदौर-दाहोद रेल लाइन Indore Dahod Rail Line के काम ने अब रफ्तार पकड़ ली है। सालों से पेंडिंग यह प्रोजेक्ट तेजी से पूरा किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत टीही से गुणावद तक अर्थवर्क का काम पूरा हो गया है वहीं रेल लाइन बिछाने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। प्रोजेक्ट से टीही से जाने वाले कंटेनर वडोदरा होकर जल्दी मुंबई पहुंच सकेंगे। इस रेल मार्ग से ट्रेनें गुजरात होकर जल्द ही महाराष्ट्र पहुंचेंगी। 2 हजार करोड़ से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है ​कि इससे एमपी की व्यवसायिक राजधानी इंदौर से देश की व्यवसायिक राजधानी मुंबई की दूरी भी कम हो जाएगी।

इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट (Indore Dahod Rail Line Project) के अंतर्गत कुल 205 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इंदौर दाहोद रेल प्रोजेक्ट को अलग-अलग सेक्शन में बांटकर पूरा किया जा रहा है। इसमें इंदौर टिही के बीच 29 किमी का काम पूरा हो चुका है। फिलहाल टिही गुणावद नौगांव सेक्शन का काम चल रहा है। टिही के टनल करीब पूरे बन चुके हैं जबकि गुणावद तक अर्थवर्क का काम पूर्ण हो गया है। यहां रेल लाइन बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है।

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रतलाम मंडल ने मई-2025 तक इंदौर-नौगांव के बीच ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा है। इसमें इंदौर से टीही तक का काम पूरा हो चुका है और अभी कंटेनर ट्रेन चलाई भी जाने लगीं हैं। छोटा उदयपुर से धार के बीच का काम भी जल्द पूरा होने वाला है।

2 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट
सन 2007 में 678.54 करोड़ में दाहोद इंदौर रेल प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था। इसकी लागत बढ़ती गई और जून 2012 में रेलवे बोर्ड ने 1640.04 करोड़ स्वीकृत किए। दाहोद इंदौर वाया सरदारपुर-धार रेल लाइन प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 205 किमी है। मई-2020 से इस प्रोजेक्ट का काम बंद था। 2022 में फिर शुरू हुआ। अब यह प्रोजेक्ट 2 हजार करोड़ से ज्यादा का हो चुका है। यह रेल लाइन इंदौर, पीथमपुर, धार, सरदारपुर, झाबुआ को जोड़ते हुए दाहोद पहुंचेगी। रेलवे ने अब इसे विशेष प्रोजेक्ट का दर्जा दिया है।

रेलवे के अधिकारी और विशेषज्ञ बताते हैं कि भविष्य में इंदौर छोटा उदयपुर तक जुड़ सकता है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यहां से कई ट्रेनें संचालित हो सकेंगी। टीही से जाने वाले कंटेनर वडोदरा होकर जल्दी मुंबई पहुंच सकेंगे। ट्रेनें गुजरात होकर जल्द ही महाराष्ट्र पहुंच सकेंगी। सबसे खास बात यह है ​कि इस प्रोजेक्ट से इंदौर से मुंबई की दूरी भी कम होगी। यही वजह है कि गुजरात और मप्र के लिए यह प्रोजेक्ट काफी अहम है। प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।