
एक ही परिवार के 20 सदस्यों ने किया नेत्रदान, 40 जिंदगियां की रोशनी
इंदौर.
एक ही परिवार के 20 सदस्यों ने किया नेत्रदान, 40 जिंदगियां की रोशनी
दृष्टिहीनों की जिंदगी में खुशियों का उजाला लाने के लिए इंदौर व नीमच का एक परिवार शिद्दत से जुटा है। रामनानी परिवार के एक या दो नहीं, बल्कि २० सदस्यों ने नेत्रदान कर मिसाल पेश की है। यह परिवार अब तक ४० लोगों के जीवन का अंधेरा दूर कर चुका है। दो सदस्य मैना (२०१३), लक्ष्मणदास (२०१४) और मुरलीधर (२०१६) देहदान भी कर चुके हैं।
नेत्रदान की महत्ता को समझते हुए ही 10 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय नेत्रदान दिवस मनाया जाता है। इसके जरिये लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जाता है। रामनानी परिवार में इस प्रथा की शुरुआत मई १९८७ में हुई, जब डॉ. जयरामदास रामनानी ने अपनी आंखें दान कीं। उन्होंने गांव में ही कार्निया के अभाव में कई लोगों को अंधत्व का शिकार होते देखा, जिसके बाद नेत्रदान का प्रण लिया। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी इस नेक कार्य में जुट गए, जिसमें महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। कुल २० सदस्यों में से महिलाओं की संख्या ९ है। परिवार के सबसे युवा नेत्रदाता हैं महेश रामनानी (४२), जिनका निधन २००६ में हुआ था। परिवार के सदस्य विकास ने बताया, हमें नेत्रदान के लिए कोई कैंपेन नहीं करना पड़ता, लोग खुद कॉल करते हैं।
इन्होंने किया नेत्रदान
जयरामदास, हुजी देवी, मंशाराम, कला देवी, विशंभर, नंदलाल, परी देवी, कृपालदास, कौशल्या, मोहिनी देवी, हशमत राय, महेश, डॉ. नोतमदास, आशा देवी, इंदिरा देवी, मैना देवी, लक्ष्मणदास, सत्यपाल, मुरलीधर, रानी देवी।
लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्र्स ने बताया पीपल ऑफ द ईयर
इंदौर. परिवार का यह यूनीक योगदान लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्र्स ने २०१७ में दर्ज किया है। एडिशन में परिवार को पीपल ऑफ द ईयर करार दिया गया। परिवार से जुड़े विकास रामनानी ने बताया कि सभी डोनेशंस लायंस क्लब नीमच के जरिये किए गए हैं। एक ही परिवार के 20 सदस्यों ने किया नेत्रदान, 40 जिंदगियां की रोशनी
Published on:
10 Jun 2018 01:15 am
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