एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे ने बताया परदेशीपुरा इलाके में आईटीआई चौराहे पर एसबीआई बैंक का एटीएम है। इस एटीएम में रखरखाव, पैसे भरने का काम एसआईएस कंपनी करती है। एटीएम बनाने का काम फाइनेङ्क्षशल साफ्टवेयर सर्विस का है। एटीएम में आने वाली तकनीकी परेशानी को एनसीआर कंपनी ठीक करती है। इस एटीएम में 4 जून को करीब 21 लाख रुपए जमा किए गए। 8 जून को वापस केश डिपाजिट करने कंपनी के लोग आए तो पता चला कि मशीन बंद है और उसका लॉक नहीं खुल रहा।
must read : इस तरह सुपर कॉरिडोर पर 600 एकड़ में बनेंगे कमर्शियल व आवासीय प्रोजेक्ट 9 जून को फिर से कंपनी के लोग पहुंचे तो बैटरी डिस्चॉर्ज होने के कारण मशीन चल नहीं पा रही थी। 11 जून को कंपनी के लोग इंजीनियर को लेकर मशीन देखने पहुंचे। एक इंजीनियर के नहीं आ पाने के कारण उस दिन भी मशीन ठीक नहीं हो पाई। शनिवार को जब दोनो इंजीनियर के साथ टीम पहुंची तो पता चला कि एटीएम में रुपए नहीं है। एटीएम पर किसी तरह के तोडफ़ोड़ के निशान नहीं थे। मशीन को लॉक से खोलकर उसे नट बोल्ट खोले गए। फिर कैश डिपाजिट बाक्स से उसमें रखे 21 लाख रुपए चुरा लिए गए। कंपनी ने इसकी जानकारी एसबीआई बैंक के अधिकारियों को दी। फिर मौके पर पुलिस को बुलाया गया।
must read : इंदौर की महिला एसएसपी ये क्या कह गई शहर के थाना प्रभारियों से ओटीपी का किया इस्तेमाल कैश डिपाजिट बाक्स खोलने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता है। इस ओटीपी का रुपए निकालने के लिए इस्तेमाल किया गया है। रुपए चोरी करने की जो घटना सामने आ रही है उससे लग रहा है कि किसी कर्मचारी की इसमें भूमिका है। जिसे एटीएम के बारें में पूरी जानकारी है साथ ही ओटीपी के लिए मोबाइल रजिस्टर्ड है। एटीएम के लिए काम करने वाले तीनो कंपनी के उन सभी लोगो से पुलिस पूछताछ करेंगी जो यहां आते है।
must read : हर महीने क्यों बिजली विभाग देता है ग्राहको को ब्याज, जानिए क्या है वजह सीसीटीवी कैमरे भी बंद एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे ने बताया कि एटीएम मशीन में लगा गुप्त कैमरा 24 फरवरी से बंद है। कैमरे थोड़ा डेमेज भी है। एटीएम के बाहर लगे कैमरे को मोड़ दिया गया था। जिससे एटीएम में आने वाले का पता नहीं चल पाया। योजनाबद्ध तरीके से इस चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है। परदेशीपुरा पुलिस ने एसआईएस कंपनी के हरिओम यादव की रिपोर्ट पर चोरी का केस दर्ज किया है।