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Appointment : 10-12 दिन में पूरी हुई सरकारी प्रक्रिया, 229 नर्सों को मिल गई स्थायी नियुक्ति

Appointment: सरकारी नौकरी मिलने पर बोलीं युवतियां- मरीजों की देखभाल में खुद को करेंगे समर्पित

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इंदौर

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Manish Geete

May 10, 2021

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इंदौर। महज 10 से 12 दिन की प्रक्रिया में ही सरकारी नौकरी में आी 229 नर्स।

इंदौर. एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM Medical College Indore) के सभागृह में रविवार शाम अलग ही उत्साह था। यहां 229 नर्सों के पद पर स्थायी नियुक्ति पत्र (appointment letter) का वितरण हो रहा था। नियुक्ति पत्र मिलने पर युवतियों के चेहरे खिले हुए थे। वे बोलीं, उम्मीद नहीं थी कि महामारी के इस दौर में जब लोगों की नौकरी जा रही है तब उन्हें सरकारी नियुक्ति मिल जाएगी। अब नर्स बन गई हैं तो कोरोना मरीजों के इलाज व देखभाल में खुद को समर्पित कर देंगी, बेहतर काम कर दिखाएंगी। इन सभी नर्सों ने सोमवार से मरीजों की सेवा का काम शुरू कर दिया है।

कोरोना के इमरजेंसी के दौरान में अफसरों की इच्छाशक्ति के कारण एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधीन सरकारी हॉस्पिटल्स में वर्षों से खाली नर्सों के पद 10-12 दिन की प्रक्रिया में भर दिए गए। 229 में से 178 पद इंदौर और 51 पद खंडवा मेडिकल कॉलेज के अधीन भरे गए।

रविवार को सभागृह में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट और संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने सभी को नियुक्ति पत्र सौंपे। संभागायुक्त के अनुसार यह नियमित पद है, सभी को सरकार द्वारा तय पे स्कैल के अनुसार वेतन दिया जाएगा।

सोमवार से शुरू किया काम

कोरोनाकाल में स्टाफ की कमी परेशानी बनी तो अफसरों ने प्राथमिकता दिखाई। एमपी ऑनलाइन से परीक्षा करवाई। दूसरे दिन उत्तर पुस्तिका जारी कर आपत्तियां बुलवाकर निराकरण करवाया। 837 परीक्षार्थियों का परिणाम तैयार किया। साक्षात्कार लेकर मैरिट के अनुसार चयन सूची जारी की। यह सब प्रक्रिया 10-12 दिन में पूरी हो गई। सोमवार से सभी नर्सों ने काम करना शुरू भी कर दिया है।

मरीजों की देखभाल का वादा

चयनित नर्स भावना ठाकुर ने कहा कि कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी का इंतजार कर रहे थे। कठिन समय में कहीं मौका नहीं मिल रहा था। ऐसे समय में सरकारी नौकरी मिल गई, लग रहा है जैसे सपना सच हो गया। पूरी ईमानदारी से मरीजों की देखभाल का वादा करती हूं।

एक और नर्स अश्विनी जोया ने अपनी नियुक्ति पर कहा कि सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र लेकर भी लग रहा कहीं सपना तो नहीं देख रही हूं। इतने कम समय में पूरी पारदर्शिता के साथ प्रक्रिया हुई भरोसा नहीं होता है।