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मां नहलाने के लिए ठंडा पानी लेने गई, मासूम ने खौलते पानी का मग शरीर पर डाला, चीखते-चीखते निकली जान

बाणगंगा में हृदयविदारक घटना चंद पलों की लापरवाही में जिंदगीभर की टीस

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इंदौर

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Hussain Ali

Jan 11, 2020

मां नहलाने के लिए ठंडा पानी लेने गई, मासूम ने खौलते पानी का मग शरीर पर डाला, चीखते-चीखते निकली जान

मां नहलाने के लिए ठंडा पानी लेने गई, मासूम ने खौलते पानी का मग शरीर पर डाला, चीखते-चीखते निकली जान

इंदौर. चंद पलों की लापरवाही का खामियाजा एक मां को अपनी लाडली की जान देकर चुकाना पड़ा। बेटी को गर्म पानी के पास छोडऩा बहुत खतरनाक साबित हुआ। नहलाने के लिए गर्म पानी बाल्टी में लिया और चार वर्षीय बेटी को वहीं छोडक़र ठंडा पानी लेने चली गई। बच्ची ने खेल-खेल में एक मग्गा गर्म पानी उठाया और शरीर पर उड़ेल लिया। गंभीर रूप से झुलसने के कारण चीखने-चिल्लाने लगी। मां दौड़ी-दौड़ी आई और हाथोंहाथ एमवायएच लेकर पहुंची। अस्पताल में दो दिन इलाज के बाद शुक्रवार सुबह 6.30 बजे बच्ची ने दम तोड़ दिया।

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बाणगंगा पुलिस ने बताया, करोलबाग के पास कल्याण संपत कॉलोनी में चौकीदार रामपाल गोलकर का परिवार झोपड़ी में रहता है। रामपाल के साथ पत्नी पिंकी, चार वर्षीय बेटी रितिका और डेढ़ वर्षीय बेटा अंकित रहते थे। बुधवार सुबह रितिका को नहलाने के लिए पिंकी ने पानी गर्म किया। खोलता पानी बाल्टी में लिया और ठंडा पानी लेने के लिए चली गई। इसी बीच रितिका ने पानी उड़ेल लिया, जिससे वह झुलस गई। शुक्रवार को रितिका ने एमवाय अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ लिया। इसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। रामपाल ने बताया, वे लोग मूल रूप से ग्राम गोदवाड़ा जिला खरगोन के रहने वाले हैं। बेटी का शव परिजन अपने गांव ले गए।

इन चीजों को बच्चों से रखें दूर

50-60 % जलने पर बढ़ जाता है जोखिम

बच्चों की त्वचा में सरफेस एरिया ज्यादा होता है और इम्यूनिटी बड़ों के मुकाबले कम होती है। ऐसे में बर्न केस में 50 से 60 % तक जलने पर बच्चे की जान का जोखिम होता है। सर्द मौसम में इस तरह के मामले बढ़ जाते हैं। पानी गर्म करने के दौरान खुली आग, रॉड जैसे साधनों का उपयोग किया जाता है। ऐसे में बच्चों को लेकर विशेष सर्तक रहना जरूरी है।
- डॉ. शरद थोरा, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ