कोरोना काल में संबद्धता को लेकर कॉलेजों द्वारा भारी लापरवाही बरती गई है। इस अवधि में निरीक्षण की छूट होने के बावजूद कई कॉलेजों ने औपचारिकता ही पूरी नहीं की। इस सत्र में स्थिति सामान्य होने पर डीएवीवी प्रबंधन ने इन लापरवाह कॉलेजों पर सख्ती बरतने की तैयारी कर ली है। मंगलवार को फैसला लिया गया कि जिन कॉलेजों के पास संबद्धता नहीं है, उनके रिजल्ट जारी नहीं होंगे। इसका खामियाजा इन गैर.संबद्ध कॉलेजों में पढ़ रहे हजारों छात्र.छात्राओं को भुगतना होगा।
अधिकारियों के अनुसार 42 कॉलेजों के पास संबद्धता नहीं है। बीए, बीकॉम, बीबीए, बीसीए सहित एमबीए और एमसीए कोर्स चलाने वाले कॉलेज भी इनमें शामिल है। मालूम होए काउंसलिंग शुरू होने से पहले भी यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को लगातार संबद्धता के नवीनीकरण कराने के लिए पत्र लिखे थे। लगातार दूसरे साल कॉलेजों ने इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखाई।
शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने भले ही ऑनलाइन काउंसलिंग समय पर शुरू कर दी, लेकिन पिछली परीक्षाओं के नतीजों में हो रही देरी पूरी तैयारी पर पानी फेर रही है। यूजी फाइनल की परीक्षाओं के रिजल्ट अब तक जारी नहीं हो सके। इस वजह से बीएड के पहले चरण में सिर्फ 30 हजार ही रजिस्ट्रेशन हो सकें। पीजी के रजिस्ट्रेशन की रफ्तार भी इन नतीजों के इंतजार में सुस्त हैं।
उच्च शिक्षा विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार एनसीटीई के कोर्सेस के लिए हुई काउंसलिंग के पहले चरण में बीएड के लिए 30 हजार 206 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। अन्य कोर्स में आंकड़ा तिहाई तक ही सीमित रहा है।