
1. तिरंगा लेकर युवाओं में जोश जगाते बलवीर। 2. मंच पर लडख़ड़ाते। 3. हार्ट अटैक के बाद जमीन पर गिरे।
फूटी कोठी में अग्रसेन धाम पर आस्था योग क्रांति अभियान द्वारा आयोजित निशुल्क योग शिविर के दौरान देश भक्ति गीत पर प्रस्तुति देते समय 73 वर्षीय बलवीर सिंह छाबड़ा का हार्ट अटैक से निधन हो गया। गाने के अंत में वे अचानक लडखड़़ाए व जमीन पर सीधे लेट गए। इस दौरान स्पीकर पर गाना बज रहा था व लोग देशभक्ति गीत व तालियां बजा रहे थे। हर किसी को यह लगा कि वे शहीद होने की एक्टिंग कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद भी उनके नहीं उठने पर साथियों ने पास जाकर देखा तो अचेत नजर आए। मौके पर सीपीआर दिया गया जिससे होश भी आया। लेकिन अस्पताल ले जाने के बाद वहां उनकी मौत हो गई। परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार नेत्रदान व त्वचा दान किया।
पुत्र जगजीत सिंह ने बताया कार्यक्रम के दौरान अटैक आने पर पिता के दोस्त अरिहंत अस्पताल लेकर गए जहां मृत घोषित किया गया। पिता बिजनेसमैन व समाजसेवी रहे हैं। हमेशा देशभक्ति गीतों पर कई कार्यक्रमों में प्रस्तुति भी दे चुके हैं। इसलिए सभी उन्हें फौजी के नाम से भी बुलाते थे।
बेटे जगजीत सिंह ने बताया पिता युवा अवस्था से ही देश सेवा को लेकर प्रेरित रहते थे। उन्होंने सेना में भर्ती के लिए प्रयास भी किए। इसके बाद वे बिजनेसमैन व समाजसेवा करने लगे। फौजी की ड्रेस में हर राष्ट्रीय त्योहार या अन्य संस्थानों के कार्यक्रमों में प्रस्तुति देते थे।
समाजसेवी मदन परमालिया ने बताया बलवीर सिंह को वीरजी के नाम से शहर में हर संस्था के लोग पुकारते थे। तिरंगे को साथ लेकर 15 अगस्त, 26 जनवरी पर शहर के चौराहों पर देश भक्ति का जज्बा जगाते थे। इसके साथ ही हंसी का लाफ्टर भी कहा जाता था। देशभक्ति गीत पर अपनी प्रस्तुति देते हुए झंडे को संभालते-संभालते खुद को ना संभाल पाए और मंच पर ही अपने प्राणों को त्याग दिया। रीजनल पार्क मुक्ति धाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया व गुरु ग्रंथ साहब की चौपाइयों का वाचन हुआ। उन्हें अनेक संस्थानों ने सम्मानित किया था व नेताजी सुभाष मंच द्वारा नेताजी सुभाष अलंकरण 23 जनवरी 2024 को प्रदान किया गया था।
बेटे जगजीत सिंह ने बताया पिता रोजाना सुबह 5 बजे उठ जाते थे। इसके बाद वॉकिंग करते व साइकलिंग भी करते थे। रोजाना लगभग 5 से 7 किलोमीटर साइकिल चलाते थे। जिस दिन किसी योग शिविर में या लाफ्टर शो में जाना होता था उसे दिन वह बाइक से कार्यक्रम में पहुंचते थे। और वहीं पर व्यायाम के रूप में परफॉर्म भी करते थे। उनका भोजन भी संतुलित रहता था। पिछले लगभग एक सप्ताह से अधिक गर्मी होने के कारण वह सुबह टहलने नहीं जा रहे थे स्वास्थ्य भी बिल्कुल ठीक था। आज सुबह घर से निकलने से पहले नाश्ता किया और कार्यक्रम में पहुंचे थे। किसी प्रकार की कोई तकलीफ का जिक्र नहीं किया था।
हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए 40 वर्ष से अधिक उम्र होने पर नियमित चेकअप जरूरी है। अगर उम्र अधिक है तो व्यक्ति को अधिक व्यायाम या कार्य करने से बचना चाहिए। नियमित दिनचर्या में थोड़ी सी भी तकलीफ नजर आए तो जांच कराएं। ऐसे मामलों में सीपीआर भी बहुत महत्व रखती है। शुरुआत के दो मिनट व्यक्ति के लिए बहुत अहम होते हैं।
-डॉ. भारत रावत, कार्डियोलॉजिस्ट
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Updated on:
01 Jun 2024 08:26 am
Published on:
01 Jun 2024 08:24 am
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