श्रद्धा के सफर पर भक्तों की कतार
चुरूPublished: Jan 16, 2015 12:04:28 pm
चूरू/सालासर। मन में श्रद्धा, जुबां पर जयकारे, लहराती लाल ध्वजा और गूंजती जय हनुमान ज्ञान गुण ...


चूरू/सालासर। मन में श्रद्धा, जुबां पर जयकारे, लहराती लाल ध्वजा और गूंजती जय हनुमान ज्ञान गुण सागर... की चौपाइयां। मेले में बाबा के दर्शनो की उत्सुकता का आलम ये है कि राजस्थान के अलावा पड़ौसी राज्य हरियाणा-पंजाब से पैदल चलकर पहुंच रहे श्रद्धालुओ के चेहरे पर लैस मात्र भी थकान नजर नहीं आ रही है।
सिद्धपीठ सालासर धाम में रविवार को बाबा की मूरत के दर्शन के लिए घंटो इंतजार मे लगे श्रद्धालुओ के बीच कुछ ऎसा ही आध्यात्मिक वातावरण नजर आया। हनुमान सेवा समिति अध्यक्ष विजय कुमार पुजारी के मुताबिक शनिवार रात को एक बजे बाबा के पट खोल दिए गए। दूसरे दिन शाम चार बजे तक करीब एक लाख श्रद्धालुओ ने कतार में लगकर धोक लगाई।
दशहरे से अब तक ढाई लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। मुख्य मेला पूर्णिमा को भरेगा। मेले में श्रद्धालुओं के उमड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। दूर-दूर से परिवार सहित पहुंच रहे श्रद्धालु जडूले उतारकर बाबा को सवामणी का प्रसाद चढ़ा रहे हैं। दर्शन के बाद खरीदारी में जुटे श्रद्धालु उत्साह से मेले का लुत्फ उठा रहे हैं। सालासर कस्बा बाबा के जयकारो और भजनो से गुंजायमान है।
गुलाल उड़ाते, ढोल की थाप पर झूमते आ रहे श्रद्धालुओ के जत्थे दूर से ही लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। मेला क्षेत्र मे लगाए गए 64 सीसी टीवी कैमरो से प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखने के लिए हनुमान सेवा समिति में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात हैं। उधर सीकर जिले की सीमा पर स्थित अंजनी माता मंदिर में भी श्रद्धालुओ का रैला लगा हुआ है। बालाजी मंदिर पहुंचने वाले अधिकांश श्रद्धालु पहले बालाजी की माता अंजनी को धोक लगा रहे हैं।
बालाजी के जयकारे लगाते हुए पद यात्री रवाना
तारानगर. गांव बुचावास के अगड़ीनाथ बाबा पद यात्री संघ के पदयात्री रविवार सुबह सालासर के लिए रवाना हुए। संघ में ओमप्रकाश गुगड़, विद्याधर, बनवारीलाल, रामधन सोनी सहित 25 सदस्य शामिल है। मातुराम सोनी के नेतृत्व में सालासर मित्र मंडल संघ भी रवाना हुआ। वार्ड 18 रैगर बस्ती के लोगों ने श्री संकट मोचन पद यात्री संघ को रवाना किया। शिवशक्ति सेवा समिति की ओर से जोहड़ बालाजी मंदिर के पास भंडारा रविवार को शुरू रहा।
सालासर यात्रियों का किया स्वागत
सांडवा. बीकानेर जिले के नोखा से सालासर जा रहे राम संघ नोखा के सैकड़ों पैदलयात्रियों का रविवार को सांडवा पहुंचने पर सरपंच महेश कुमार तिवाड़ी व अन्य ग्रामीणों ने स्वागत किया। इस मौके पर संघ के ओमप्रकाश तिवाड़ी, घनश्याम तिवाड़ी, मनोज तिवाड़ी, माणकचन्द, जगदीश नाथ छींपा, नथमल छींपा, मघाराम छींपा व्यवस्था में जुटे हुए थे। हर कोई श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तत्पर नजर आ रहा है। उनकी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
माता अंजनी का मंदिर
सालासर से लक्ष्मणगढ़ रोड स्थित अंजनी माता मंदिर सीकर जिले की सीमा मे आता है। मंदिर की स्थापना पं. पन्नाराम पारीक ने की थी। युवा अवस्था में पत्नी के देहांत के बाद पारीक गंगातट पर हनुमान जी की आराधना करने लगे। बताते हैं उनको एक दिन स्वपन में सालासर आने का आदेश मिला। उनके यहां आने के बाद अंजनी माता मंदिर की स्थापना हुई। बाबा के दर्शन के बाद श्रद्धालु यहां भी धोक लगाते हैं।
सालासर के नजदीक स्टेशन
सुजानगढ़-25 किमी
रतनगढ़-45 किमी
सीकर-55 किमी
डीडवाना (वाया गनेड़ी)-42 किमी
डीडवाना (वाया सुजानगढ़)-75 किमी
लक्ष्मणगढ़-35 किमी
जयपुर-175 किमी
चूरू -115
पूर्णिमा का है विशेष महत्व
हनुमान सेवा समिति के अध्यक्ष विजयकुमार पुजारी बताते हैं कि सालासर धाम में चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जयंती) व शरद पूर्णिमा पर वर्ष में दो बार लगने वाले लक्खी मेलो में श्रद्धालु उमड़ते हैं। मगर शरद पूर्णिमा के दिन आमजन व किसान वर्ग की सुविधा व आगमन को देखते हुए मेले का आयोजन शुरू हुआ है। बालाजी की मूर्ति विक्रम सम्वत 1811 श्रावण शुक्ला नवमी शनिवार के दिन आसोटा से सालासर धाम लाई गई थी।
इसी दिन संत मोहनदास के धूणे के पास मूर्ति स्थापना के कारीगरो को बुलाया गया। इस दिन को भी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। मगर खेतों में फसलो का काम लगभग पूरा होने और मौसम की अनुकूलता के कारण हरियाणा-पंजाब सहित अन्य प्रांतों से लोगो का आवागमन अधिक होता है। इसलिए बाबा की धार्मिक आस्था से जुड़े लोग शरद पूर्णिमा पर परिवार सहित व पैदल सालासर पहुंचकर बाबा के धोक लगाते हैं।
मेले के बाद वापस लौटकर किसान खेतों मे फसल कटाई करते हैं। किसान वर्ग से जुड़े श्रद्धालु धोक लगाकर अच्छे जमाने (फसल) की मन्नत भी मांगते हैं। चैत्र पूर्णिमा मे गर्मी के कारण पैदल की बजाय वाहनो से श्रद्धालु अधिक आते हैं। भी मेले से जुड़ते हैं।
पुलिस सहायता के लिए यहां करे संपर्क
मेले में सहयात्री या बच्चा गुम होने पर यात्री हनुमान सेवा समिति की ओर से संचालित कंट्रोल रूम में 01568-252010 पर तथा सुरक्षा संबंधी मदद के लिए पुलिस की ओर से स्थापित कंट्रोल रूम में 01568-252019 पर संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा समिति की ओर से जगह-जगह बनाए गए उद्घोषणा कक्षो पर उद्घोषणा करवाकर भी अपने परिचितो को ढूंढ सकते हैं।
हरियाणा तक है अगाध आस्था
ईष्ट हैं बालाजी
पीढियो से ही बालाजी परिवार के ईष्ट देव हैं। इनकी आराधना के बिना घर में कोई नया काम नहीं करते और फसल कटाई का पहला भोग भी बाबा को लगाते हैं। आठ वर्षो से लगातार पैदल चलकर बाबा के चरणो में धोक लगाता हूं। इससे परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। संतुष्टी मिलती है। खुशहाली आती है। सतपाल, हिसार
मन्नत पूरी करते बाबा
रामभक्त हनुमान अपने भक्तो की हर मन्नत पूरी करते हैं। ऎसा मैने प्रत्यक्ष अनुभव से जाना है। मैं ही नहीं परिवार के और सदस्य भी प्रतिवर्ष बाबा के दर्शन के लिए पैदल सालासर पहुंचते हैं। बाबा की महिमा का ही परिणाम है कि, इतनी दूर पैदल चलने के बाद भी आज तक कभी हिम्मत नहीं टूटी और मैं वर्षो से हर बार आ रहा हूं।
हिम्मत, हिसार, हरियाणा
बचपन से है आस्था
सालासर बालाजी में बचपन से ही आस्था है। सबसे पहले 13 वर्ष की उम्र मे पिताजी के साथ सालासर धाम की पैदल यात्रा की थी। बाबा की कृपा से तब से ये सिलसिला अनवरत जारी है। इन दिनो बाहर भी होता हूं, तो यात्रा के लिए घर जरूर आता हूं। साथ में और सदस्य भी आए हैं।
सतपाल, आदमपुर, हरियाणा
हर वर्ष आता हूं
शरद पूर्णिमा मेले पर हर वर्ष बाबा के दरबार में धोक लगाना मेरे लिए जरूरी है। परिवार के धार्मिक माहौल से मिली प्रेरणा और बाबा के प्रति आस्था के कारण हर वर्ष सालासर आता हूं। बालाजी की कृपा से ही सारे काम पूरे होते हैं और संकट दूर होते हैं। परिवार में खुशहाली है।
लालचंद, हिसार