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भारतीय युवक ने नामीबिया में लहराया भारत का परचम, आइटी सेंटर के हेड बने अर्पित जैन

भारत सरकार द्वारा नामीबिया में स्थापित आईटी केंद्र की जिम्मेदारी अर्पित को, इंदौर के युवक ने नामीबिया में लहराया परचम

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इंदौर

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Manish Geete

Jul 12, 2022

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शहर के युवा अब दुनियाभर में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक नाम है अर्पित जैन (Arpit Jain) का। अर्पित को भारत सरकार द्वारा नामीबिया में शुरू किए गए आईटी सेंटर की जिम्मेदारी दी गई है। भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों के चलते 2016 में भारत के राष्ट्रपति स्व. प्रणब मुखर्जी ने नामीबिया देश का दौरा किया था। इसमें दोनों देशो के मध्य एक समझौता ज्ञापन एमओयू हुआ। इसमें तय हुआ कि इंडिया थ्रू नामीबिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को स्थापित किया जाएगा।

इसके तहत भारत सरकार आईटी के क्षेत्र में क्षमता निर्माण का कार्य नामीबिया में करेगी। इसके बाद यह सेंटर नामीबिया यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी नामीबिया में स्थापित किया गया। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग दिल्ली एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इंदौर के अर्पित जैन को नियुक्त किया गया। भारत सरकार की और से आईटी उपकरण एवं भारतीय विशेषज्ञों को भेजा गया।

अब अर्पित सेंटर (Namibia Centre of Excellence in Information Technology) की कमान संभालते हुए आईटी के क्षेत्र में प्रशिक्षण, सॉफ्टवेयर डवलपमेंट एवं हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग के अनुसंधान के साथ नामीबिया की मदद कर रहे हैं। सेंटर के साथ ही नामीबिया के सभी सरकारी दफ्तर और उनकी आवश्यकता के अनुसार सेवाएं दे रहे हैं।

नामीबिया के छात्रों को मिल रही छात्रवृत्ति

अर्पित बताते हैं कि नामीबिया के लोग आईटी में काफी रुचि दिखा रहे हैं और इस सेंटर से कई इवेंट्स जैसे टेक्निकल वर्कशॉप, कांफ्रें स, गेस्ट स्पीकर्स और शार्ट टर्म ट्रेनिंग से सभी को सीखने का मौका मिल रहा है। वहां सभी जगह इन कार्यों के लिए भारत के योगदान की सराहना की जाती है। वहीं नामीबिया के कई छात्र छात्राएं भारत में उच्च शिक्षा के लिए आ रहे हैं जिसमें नामीबिया में भारतीय उच्चायोग के द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।

भारत का प्रतिनिधित्व करना गौरव की बात

अर्पित अपने इस मुकाम के लिए अपने माता पिता को प्रेरणा स्तोत्र मानते हैं। वे कहते हैं कि बचपन के संस्कार ही आपकी सफलता तय करते हैं। माता पिता ने मुझे मेहनत कर लक्ष्य प्राप्त करना सिखाया एवं गुरुओं ने सही दिशा दी। वह कहते हैं किसी दूसरे देश में भारत का प्रतिनिधित्व करना अपने आप में गौरव की बात है।