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सबसे स्वच्छ शहर का बदहाल सिस्टम : सड़क बनाने लोगों ने दे दिए 16 लाख, फिर भी निगम ने नहीं कराया काम

सड़क निर्माण के लिए नगर निगम ने स्थानीय व्यापारियों और अन्य लोगों से जनसहयोग के रूप में 16 लाख रुपए ले लिए, बावजूद इसके आठ महीने बीत जाने के बाद प्रशासन ने सड़क निर्माण नहीं कराया।

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सबसे स्वच्छ शहर का बदहाल सिस्टम : सड़क बनाने लोगों ने दे दिए 16 लाख, फिर भी निगम ने नहीं कराया काम

वैसे तो देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का नगर निगम अपने कार्यों और शहर में स्वच्छता बनाए रखने में देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई देशों में खास पहचान रखता है। लेकिन, इसी इंदौर के नगर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी न निभाने का आरोप लगा है। दरअसल, शहर के लसूड़िया इलाके में स्थित एक सड़क की हालत क्षत-विक्षत पड़ी है। इस सड़क के निर्माण के लिए इलाके के लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे। इसी बीच सड़क निर्माण के लिए नगर निगम ने स्थानीय व्यापारियों और अलग अलग लोगों से जनसहयोग के रूप में 16 लाख रुपए ले लिए, बावजूद इसके आठ महीने बीत जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण नहीं कराया गया है।


एक तरफ तो तमाम तरह के कर देने और उसके बाद जनसहयोग के नाम पर लाखों रुपए देने के बावजूद भी यहां के व्यापारी और सामान्य लोग यथावत परेशान हैं। आलम ये है कि, बीते आठ महीनों से ये लोग नगर निगम अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। सड़क नहीं बनने से दुकानदारों की ग्राहकी प्रभावित हो रही है। कीचड़ और खड्ढों से भरी सड़क के कारण आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। इलाके के दुकानदार इंदौर मेयर और इंदौर निगमायुक्त से भी मुलकात कर चुके हैं। लेकिन, लोगों का कहना है कि, इन अफसरों की ओर से भी अबतक सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

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काम के लिए पैसे नहीं रहा निगम- ठेकेदार

मामले को लेकर देवास नाका मोटर मैकेनिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद केसरी और महामंत्री प्रकाश चौकसे का कहना है कि, दुकानदारों ने इस साल फरवरी में 16 लाख रुपए इकट्ठा कर नगर निगम को सड़क निर्माण के लिए जनसहयोग के रूप में दिए थे। निगम ने तिरुमला कंस्ट्रक्शन एजेंसी को सड़क बनाने का ठेका भी दे दिया था। यही नहीं, इसके बाद ठेकेदार ने सड़क का बेस बनाने के लिए खुदाई कार्य भी शुरु कर दिया था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही काम बंद कर दिया गया जो 6 महीने बाद भी जस का तस ही पड़ा है। निर्माण एजेंसी से व्यापारियों ने जब काम रोके जाने का कारण पूछा तो कंपनी ने बताया कि, नगर निगम से पैसा नहीं दिया जा रहा।


आंदोलन की चेतावनी

महामंत्री प्रकाश चौकसे ने ये भी कहा कि, अगर अब जल्द से जल्द सड़क निर्माण न हुआ तो मजबूरन दुकानदारों को आंदोलन के लिए मैदान में उतरना पड़ेगा। अधूरी सड़क को लेकर जोनल अधिकारी ब्रजमोहन भगोरिया ने बताया कि, जनसहयोग की राशि सड़क के लिए दी गई है। 500 मीटर सड़क का निर्माण होना है। काम न करने पर ठेकेदार को नोटिस भी दिया जा चुका है। अब अंतिम नोटिस देकर ठेकदार से सड़क नहीं बनाने का कारण पूछा जाएगा।