22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ब्रांडेड दूध में मिलावट का खेल, पानी मिला दूध बेच रही बड़ी कंपनी

दूध में मिलावट का खेल, बीच रास्ते में दूध निकालकर पानी मिलाते कर्मचारी

2 min read
Google source verification
Big company selling milk mixed with water in Indore

Big company selling milk mixed with water in Indore

इंदौर. गांव से दूध लेकर आनेवालों पर हर कोई शक करता है पर ब्रांडेड कंपनी का दूध हम आंख मूंदकर ले लेते हैं. उपभोक्ता सोच भी नहीं सकते कि इनमें भी मिलावट की जा सकती है. सच्चाई तो यह है कि ब्रांडेड दूध में भी पानी मिलाकर बेचा जा रहा है. इंदौर में ऐसा एक मामला प्रकाश में भी आया है जिसमें कर्मचारियों पर बाकायदा केस दर्ज कर दिया गया है.

इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लसूड़िया इलाके में सांची दूध केंद्र में सप्लॉय होने वाला मिलावटी दूध का टैंकर पकड़ा है। आरोप है कि ड्राइवर और उसके साथी रास्ते में असली दूध निकालकर बेच देते थे. निकाले गए दूध की कमी पूरी करने के लिए वे टेंकर में पानी मिलाते और प्लांट पहुंच जाते थे. मिलावट के इस खेल में वे हर रोज हजारों रुपए कमा रहे थे.

खास बात यह है कि यही मिलावटी दूध अन्य दूध में मिक्स करके उसे बाजार में भी सप्लॉय किया जा रहा था.पुलिस ने ये कार्रवाई धार-बेटमा रोड पर सांची दूध केंद्र और खाद्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में की. बताते हैं कि सांची दूध में लंबे से मिलावट होने की शिकायत सामने आ रही थी. सांची दूध केंद्र द्वारा इस संबंध में क्राइम ब्रांच और खाद्य विभाग को शिकायत की गई. इसके बाद टैंकरों पर लगातार नजर रखी जा रही थी.

कुछ दिनों बाद यह बात सामने आई कि सेंधवा जामली सांची दूध केंद्र से जो दूध आ रहा है उसमें मिलावट की जा रही है. जांच में यह तथ्य सामने आया कि दूध केंद्र से शुदध दूध भेजा जा रहा है, लेकिन रास्ते में कर्मचारी और ड्राइवर दूध निकालकर बेच रहे हैं. वे जितना दूध निकालते थे उतना ही पानी टेंकर में मिला देते थे. इसके एवज में लंबे समय से लाखों रुपए की कमाई कर रहे थे.

सड़क पर रेंगते दिखा तो गाड़ी रुकवाकर तुरंत उतरे कलेक्टर, दिव्यांग को बाइक से पहुंचाया

इस मामले में खाद्य विभाग और क्राइम ब्रांच ने सांची दूध के टैंकर चालक कमलेश राजपूत और साथी जितेंद्र अहिरवार को रास्ते में रोका। दूध की जांच होने पर मिलावटी मिला. पूछताछ में उन्होंने बताया कि सेंधवा जामली (सांची दूध सेंटर) से कच्चा दूध भरा गया था. सील अलग पर दूध कुछ ढाबों पर बेच दिया गया था. ढाबे वालों से उन्हें खासी कमाई हो रही थी. इसमें अन्य कर्मचारियों के मिले होने की भी शंका है.