
इंदौर. आने वाले समय में ड्रायविंग लाइसेंस के लिए आवेदक को स्कूल जैसी पढ़ाई करनी होगी। यानी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में यातायात नियमों की क्लास में बैठना पड़ेगा। वहां ड्राइविंग सीखने के साथ थ्योरी पढ़कर परीक्षा देना होगी। सेंटर से मिलने वाले सर्टिफिकेट के आधार पर आरटीओ से लाइसेंस जारी होगा।
लाइसेंस जारी करने से पहले आरटीओ कार्यालय में आवेदक को परीक्षा से लेकर ट्रायल देना होता है। कई बार इस प्रक्रिया में आवेदक फेल हो जाते हैं या 'जुगाड़' से लाइसेंस हासिल कर लेते हैं। इसे देखते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नई व्यवस्था का नोटिफिकेशन जारी किया है। आवेदकों को प्रशिक्षण से लेकर परीक्षा तक से गुजरना होगा। केंद्र ने1 जुलाई से व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन शहर में व्यवस्था कब लागू होगी, इसके लिए. अफसर शासन का आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
ट्रायल व्यवस्था हो जाएगी खत्म
वर्तमान में पक्के लाइसेंस के लिए आवेदक को आरटीओ में गाड़ी चलाकर दिखाना होती है। 8 के आकार में बने ट्रेक पर निर्धारित समय में गाड़ी चलाने के बाद लाइसेंस मिलता है, अब यह व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी। एआरटीओ निशा चौहान ने बताया कि सतना, खरगोन में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। निर्देश आते ही शहर में यह व्यवस्था शुरू करेंगे।
ऐसा होगा ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर
आरटीओ में ड्राइविंग सेंटर बनाया जाएगा विभाग की निगरानी में इसे निजी हाथों में दिया जाएगा। सेंटर पर वाहन चलाने के साथ ही थ्योरी से यातायात नियम पढ़ाए जाएंगे। हल्के मोटर वाहन चालक ड्राइविंग कोर्स की अवधि चार सप्ताह में 29 घंटे होगी। मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए पाठ्यक्रम की अवधि 6 सप्ताह में 38 घंटे की होगी। इस दौरान चालकों को बेहतर व्यवहार और अनुशासन का पाठ भी पढ़ाएंगे।
Published on:
15 Jun 2021 01:23 pm
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