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किडनी, लिवर और हार्ट से जुड़े चेकअप कराने वालों के लिए बड़ी राहत, शुरु हो रही नई सुविधा

इंदौर के प्रिवेंटिव हेल्थ केयर मॉडल को अब प्रदेश के अन्य शहरों में अपनाने की तैयारी है। इसे लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने रुचि दिखाई है। इंदौर के इस मॉडल को वह अपने प्रोजेक्ट में शामिल करने की तैयारी में है।

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health checkups

इसमें शुगर व बीपी जांच के साथ किडनी, लिवर, कोलेस्ट्रॉल व हार्ट संबंधी जांच को भी शामिल किया जाएगा। पहले चरण में रीवा, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर व भोपाल में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण स्तर पर भी इसे लागू करने पर विचार होगा।

आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल राजीव बाही से 10 फरवरी को डॉ. विनीता कोठारी व सांसद शंकर लालवानी ने मुलाकात की। प्रोजेक्ट पर बाही ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि हमेशा यह होता है कि आइसीएमआर प्रोजेक्ट बनाता है और देश में इस पर काम होता है। यह पहली बार है कि हम मॉडल ले रहे हैं और इसे कैसे लागू किया जाए, इस पर काम कर रहे हैं। अभी जो प्रोजेक्ट शुगर व बीपी जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में चलाया जा रहा है। इसी में इसे भी शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। इस संबंध में 13 फरवरी को आइसीएमआर अधिकारियों व इंदौर के डॉक्टरों के बीच फिर बैठक होगी।

अब तक शुगर-बीपी पर था अधिक ध्यान

आइसीएमआर के अधिकारियों ने बताया कि अब तक शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शुगर व बीपी की नि:शुल्क जांच कराई जा रही थी। इससे इन बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा रहा है, लेकिन हेल्थ ऑफ इंदौर के प्रिवेंटिव हेल्थ केयर मॉडल से जानकारी मिली है कि किडनी, लिवर और हार्ट संबंधी बीमारियों की आशंका भी लोगों में बढ़ रही है।

यह है हेल्थ ऑफ इंदौर मॉडल

हेल्थ ऑफ इंदौर के माध्यम से प्रिवेंटिव हेल्थ सर्वे कराया गया था। इसमें दो लाख लोगों की लगभग 20-20 बीमारियों की जांच हुई। इसमें 50 प्रतिशत लोग किसी न किसी बीमारी के लक्षण वाले मिले। इसमें समुदाय, सरकार, रेडक्राॅस, सांसद सेवा संकल्प, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों और सेंट्रल लैब का सहयोग लिया गया। करीब 20 लाख जांच में मिले मरीजों का रिकाॅर्ड रखा और फालोअप भी लिया। हाल ही में इंदौर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के सामने इसे रखा गया। उन्होंने इसकी सराहना कर अन्य शहरों में भी इसे लागू करने की बात कही थी। एक केंद्रीय दल भी निरीक्षण के लिए जल्द इंदौर आने वाला है।

हेल्थ ऑफ इंदौर के तहत दो लाख लोगों की जांच की गई। इसमें सांसद सेवा प्रकल्प के तहत सहयोग मिला। इसी मॉडल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सराहा व इसे लागू करने की बात कही थी। उसी संबंध में सांसद शंकर लालवानी के साथ आइसीएमआर डायरेक्टर जनरल से मुलाकात हुई। जल्द ही इसे आइसीएमआर के प्रोजेक्ट में शामिल करने की तैयारी है।
डॉ. विनीता कोठारी, हेल्थ ऑफ इंदौर प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर