
इंदौर चिड़ियाघर में आएंगे बायसन और गैंडा
इंदौर. शहरवासी जल्द ही देशी गौर (बायसन) और गैंडे को चिडि़याघर में देख पाएंगे। इन्हें लाने के लिए चिडि़याघर के मास्टर प्लान में बदलाव जरूरी है। इसके लिए चिडि़याघर से केंद्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण (सीजेडए) को प्रस्ताव भेजा गया है। नए पशुओं के लिए नए पिंजरे बनाने होंगे। नए पिंजरे बगैर सीजेडए की अनुमति के नहीं बनाए जा सकते। सीजेडए सभी चिडि़याघरों के मास्टर प्लान को अनुमति देता है, जिसमें पशुओं के लिए जगह और उनकी सुरक्षा तय करते हुए पिंजरे की डिजाइन और ले आउट रहता है। इस प्लान के हिसाब से ही पिंजरे तैयार किए जाते हैं। चिडि़याघर के वर्तमान मास्टर प्लान में शेर, बाघ, तेंदूए, हाथी, लकड़बग्घे, सांप, हिप्पो, बंदर, नीलगाय, हिरण, पक्षियों आदि के लिए ही जगह है। अन्य प्रजाति के बड़े पशुओं के लिए पिंजरों का प्रावधान इसमें नहीं है। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद नए पशुओं के लिए पिंजरे बनाने का काम शुरू होगा।
नदी किनारे बनेंगे नए पिंजरे
चिडि़याघर में कान्ह नदी के किनारे से लगभग 400 मीटर दूर पिंजरे हैं। नगर निगम चिडि़याघर की सुरक्षा के लिए नदी किनारे रिटर्निंग वॉल बना रहा है। इसके किनारे न्यू वर्ल्ड मंकी, बायसन, पक्षियों के पिंजरे बनाए जाएंगे। हिप्पो के पिंजरे के पास गैंडों का पिंजरा बनाया जाएगा। हिरण के पिंजरों का भी विस्तार किया जाना है।
शेरों के बड़े होने तक की तैयारी
तिरूवनंतपुरम से बायसन को शेरों के बदले लाया जाएगा। चिडि़याघर में शेरों की संख्या 7 हो गई है। एक अन्य जोड़े के भी शावक होने की उम्मीद है। इंदौर में 4 शेरों को ही रखा जा सकता है। लगभग सालभर में शेर बड़े हो जाएंगे, तब तक पिंजरों में बदलाव की प्रक्रिया पूरी करते हुए बायसन को लाया जाएगा। चिडि़याघर प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि हमारी कोशिश है कि ऐसे पशु लाए जाएं, जो चिडि़याघर में कभी नहीं रहे या मप्र में नहीं हैं। नए पिंजरे बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद है।
Published on:
07 May 2023 07:30 pm
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