
इंदौर। अध्यक्ष की सहमति के बगैर घोषित हुई भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की कार्यकारिणी पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामले में एक और नया कांड सामने आया है। मोर्चा में कोषाध्यक्ष बनाए गए इस्लाम पटेल के खिलाफ जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर कॉलोनी काटने और प्लॉट बेचने पर मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं, तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने रासुका की कार्रवाई कर भोपाल जेल भेजा था।
मंगलवार को नगर भाजपा अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी थी, उसके बाद मोर्चा के नगर अध्यक्ष मंजूर एहमद को बताया गया। इस पर दोनों नेताओं के बीच में तीखी तकरार भी हुई। एहमद को आपत्ति थी कि जो सूची मैंने दी थी, उसमें से किसी को नहीं लिया गया। शर्मा ने मर्जी से पद बांट दिए। इसको लेकर उन्होंने संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा के सामने आपत्ति दर्ज कराई। विवाद का निराकरण होता, इससे पहले बुधवार शाम को कुछ पदाधिकारियों का नगर भाजपा ने दीनदयाल भवन पर सम्मान भी कर दिया। इधर, कोषाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी हलकों में खासी चर्चा है। खजराना के इस्लाम पटेल को कोषाध्यक्ष की जवाबदारी दी गई है। पटेल के खिलाफ जिला प्रशासन ने पांच साल पहले खजराना थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि पटेल ने सरकारी जमीन पर पटेल नगर नाम से अवैध कॉलोनी काटकर प्लॉट बेचे थे। दो दर्जन मकानों को तत्कालीन नजूल तहसीलदार पूर्णिमा सिंघी ने नेस्तनाबूत भी किया था। वहीं तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने पटेल पर रासुका की कार्रवाई की थी।
नहीं बुलाया मंजूर को
कल योजनाबद्ध तरीके से मोर्चे के नवनियुक्त पदाधिकारियों को दीनदयाल भवन बुलाकर सम्मान किया गया ताकि अधिकृत मोहर लग जाए। मजेदार बात ये है कि जिस अध्यक्ष की टीम बनाई गई, उसे ही नहीं बुलाया गया।
पटेल को इसलिए उपकृत किया
बताया जा रहा है कि नियुक्ति के पीछे बड़ा खेल हुआ है। पटेल ने आजीवन सहयोग निधि के नाम पर भी बड़ी राशि नगर भाजपा को सौंपी है, जिसके बदले में उन्हें उपकृत किया गया है। ये बात प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री सुहास भगत तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
Published on:
05 Apr 2018 11:06 am
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