6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कॉलोनाइजर पर केस, आधा दर्जन से अधिक फॉर्म हाउस को नोटिस

जमीन के जादूगरों ने कॉलोनी विकसित करने की तमाम वैधानिक प्रक्रियाओं से बचने के लिए फार्महाउस का रास्ता अपनाया है। जिसमें सिर्फ डायवर्शन के आधार पर धड़ल्ले से फार्म हाउस के नाम पर प्लाटिंग कर खरीदी-ब्रिकी की जा रही है। सिमरोल टप्पा तहसील में दर्जनभर से फार्म हाउस तैयार है। इस संबंध में पत्रिका ने 27 फरवरी को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। एसडीएम के दखल के बाद आध दर्जन से अधिक फार्म को नोटिस जारी किए गए थे। एसडीएम द्वारा कौशल्या जंगल फार्म हाउस के कालोनाइजर के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।

2 min read
Google source verification

इंदौर

image

Sanjay Rajak

Mar 24, 2023

कॉलोनाइजर पर केस, आधा दर्जन से अधिक फॉर्म हाउस को नोटिस

कॉलोनाइजर पर केस, आधा दर्जन से अधिक फॉर्म हाउस को नोटिस

डॉ. आंबेडकर नगर(महू).

सिमरोल, चोरल, ग्वालू, बाइग्राम, बडग़ोंदा, दतोदा आदि जगहों पर तेजी से फार्म हाउस के नाम पर कॉलोनियां विकसित होने लगी है। कालोनी के लिए तमाम तरह की अनुमतियां लेना होती हड्डै। वहीं फार्म हाउस को लेकर अलग नियम है। भूमि विकास अधिनियम के अनुसार बिना डायर्वशन और टीएनसीपी की विकास अनुमति लिए बिना कृषि भूमि में प्लाटिंग नहीं की जा सकती है। टप्पा तहसील सिमरोल में जुरासिक पार्क(गांजिदा), अश्वमेद्य रिसोर्ट (गांजिदा), कौशल्या फार्म हाउस(बाइग्राम), उमट हिल्स(बाइग्राम), वीनस(बाइग्राम), ओरो हिल्स(दड़), श्यामल्या हिल्स(चोरल) सहित 10 से अधिक बेनाम फार्म हाउस है। इन फार्म को लेकर कार्रवाई की जा रही है। एसडीएम अक्षत जैन ने बताया कि फार्म हाउस को लेकर नोटिस जारी किए गए है, जिनकी सुनवाई की जा रही है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

धोखाधड़ी कर 27 प्लाट बेचे

एसडीएम जैन ने बताया कि बाइग्राम अवैध रूप से विकसित की जा रही कौशल्या जंगल फ़ार्महाउस नामक कॉलोनी के विरुद्ध प्रशासन द्वारा प्रकरण दर्ज करवाया गया है। उक्त कॉलोनी भूमि खसरा नंबर 99, 100, 101, 102, 104/1, 104/2, 105/1, 105/2 कुल रकबा 4.966 हैक्टर पर भू-स्वामी नंदकिशोर पिता रमेशचन्द्र, चंद्रशेखर पिता रमेशचन्द्र, सीता पति रमेशचन्द्र एवं महेश कुमार कामदार द्वारा विकसित की जा रही थी । उनके द्वारा अब तक 27 लोगों को प्लाट विक्रय किए जा चुके थे। जांच के दौरान पाया गया कि भू-स्वामियों के पास कॉलोनाइजर लाइसेंस, टीएनसीपी नक्शा, कॉलोनी विकास अनुमति नहीं थी। महज डायवर्सन के आधार पर इनके द्वारा कॉलोनी का निर्माण कर ग्राहकों को गुमराह कर प्लॉट बेचे जा रहे थे। मामले में कालोनाइजर के खिलाफ धारा 420 के तहत सिमरोल थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।

आंखों के सामने हो रहा अवैध विकास

पिछले कुछ वर्षो में सिमरोल टप्पा तहसील में तेजी से फार्म हाउस का चलन शुरू हुआ है। कई फार्म हाउस तो खण्डवा रोड से ही लगे है। बावजूद पटवारी लेकर तहसीलदार को जनता के साथ की जा रही धोखाधड़ी दिखाई नहीं देती है।