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चापड़ा ग्रीन फील्ड हवा-हवाई, अगले 50 साल की तैयारी करते हुए अंतरर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की तैयारी शुरू

अपग्रेड होगा एयरपोर्ट, अत्याधुनिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, फायर स्टेशन बनेंगे सांसद ने किया टेक्निकल ब्लॉक और कम्युनिकेशन बिल्डिंग का भूमिपूजन

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इंदौर

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Sandeep Pare

Mar 20, 2023

चापड़ा ग्रीन फील्ड हवा-हवाई, अगले 50 साल की तैयारी करते हुए अंतरर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की तैयारी शुरू

चापड़ा ग्रीन फील्ड हवा-हवाई, अगले 50 साल की तैयारी करते हुए अंतरर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की तैयारी शुरू

इंदौर. इंदौर से 46 किमी चापड़ा के समीप प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट हवा-हवाई होते देख प्रशासन व एयरपोर्ट प्रबंधन ने देवी अहिल्या एयरपोर्ट को ही अंतरराष्ट्रीय बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए करीब 100 करोड़ के विस्तार कार्य का शिलान्यास किया गया। इससे एयरपोर्ट की लैंडिंग और टेकऑफ क्षमता बढ़ेगी और अगले 50 साल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित होंगी।
रविवार को सांसद शंकर लालवानी ने एयरपोर्ट डायरेक्टर रविचंद्रन के साथ अपग्रेडेशन कार्यों का भूमिपूजन किया। सांसद लालवानी ने बताया, इंदौर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ रही है। दुबई के बाद जल्द ही शारजंहा फ्लाइट्स भी शुरू होगी। भविष्य में अन्य देशों के साथ भी कनेक्टिविटी बढ़ाने की प्लानिंग है। इन सभी संभावनाओं को देखते हुए वर्तमान एयरपोर्ट का अप्रेडेशन प्लान तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है। 80 करोड रुपए की लागत से एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, फायर स्टेशन, टेक्निकल एवं कम्युनिकेशन बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। टावर अपग्रेड होने से फ्लाइट आवा-जाही की क्षमता बढ़ेगी। एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है, बड़े विमान उतारने के लिए रन-वे विस्तार और टैक्सी वे के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे यहां बोइंग विमान भी उतर सकेंगे।
यह सुविधाएं बढ़ेगी
अत्याधुनिक होगा एटीएस - वर्तमान टॉवर पुराना हो गया है। विस्तार में बाधक है। नया एटीसी अत्याधुनिक राडार तकनीक वाला होगा। वर्तमान में हर घंटे 12 फ्लाइट लैंड व टेक ऑफ होती है। नया बनने से यह 30 हो जाएगी। यानी फि्रक्वेंसी प्रति 2 मिनिट हो जाएगी।

बडे विमानों को मिलेगी फायर सेफ्टी - वर्तमान में फायर स्टेशन से बड़े जहाजों को उतरने का अप्रूवल देना संभव नहीं है। नया फायर स्टेशन बनने से बड़े विमानों को भी फायर सेफ्टी दी जा सकेगी।
150 किमी दूर होने पर भी कंट्रोल - वर्तमान टेक्निकल सुविधाओं के साथ एटीसी एयरक्राफ्ट को 100 किमी की दूरी से कंट्रोल कर सकता है। नया एटीएस 150 किमी दूरी पर भी कंट्रोल कर लेगा।

दूरी बढ़ जाएगी - अपग्रेडेशन के बाद दो विमानों के बीच की दूरी घटकर 5 मील हो जाएगी। इससे एयरपोर्ट की हैंडलिंग कैपेसिटी बढ़ जाएगी।
यह सुविधाएं बन रही

- डोमेस्टिक कार्गो और पेरिशेबल कार्गो का काम भी तेजी से चल रहा है।

- दो नए एयरोब्रिज का काम अंतिम चरण में है। अब 5 एयरोब्रिज हो जाएंगे।